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सियासी चौसर : केजरीवाल ने फेंका मजबूत पांसा

केजरीवाल ने फेंका मजबूत पांसा
केजरीवाल ने फेंका मजबूत पांसा

आखिर किस करवट बैठेगा केजरी का ऊंट - जेपी गुप्ता 

दिल्ली की सियासत ने बड़ा नाटकीय मोड़ ले लिया है/ दिल्ली के सीएम रहे अरविन्द केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सशर्त जमानत देने के बाद अन पर इतनी पाबंदी लगा दी थी, जिससे उनके सीएन रहने और ना रहने का कोई महत्व नहीं रह गया था/ सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद सार्वजनिक मंच से इस्तीफा देने का ऐलान, पहले से सोची समझी रणनीति का एक हिस्सा ही माना जा सकता है / 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही है कि उन्होने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव वाली परम्परा से हटकर अपनी वजीर आतिशी पर भरोसा जताया/ आतिशी को दिल्ली का सीएम बनाने के पीछे भविष्य में लगने वाले कथित आरोपों से बचना भी रहा है/ महिलाओं को लेकर भाजपा केजरीवाल को कठघरे में खड़ा कर सकती थीं/ दूसरी तरफ यदि अरविन्द केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को सीएम पद की जिम्मेदारी देते तो उनकी सियासत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता था/ ऐसे आरोपों से बचने के लिए अरविन्द केजरीवाल ने बहुत ही फूंक फूंक कर कदम बढ़ाया / 

जहां तक दिल्ली की बात की जाए तो सबसे पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित को महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव मिला था/इसके बाद भाजपा की सुषमा स्वराज दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी थी/आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री है/

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अरविन्द केजरीवाल ने महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में इसी साल होने वाले चुनाव के साथ दिल्ली विधान सभा के चुनाव कराने की मांग कर डाली है, ऐसी स्थिति मे क्या आतिशी महाराष्ट्र और झारखंड के साथ चुनाव कराने के लिए समय से पहले 

विधान सभा भंग करने की सिफारिश उप राज्यपाल से करेंगी/ क्या आतिशी सिर्फ कुछ ही महीनों के लिए दिल्ली के राजतख्त की हुक्मरान रहेंगी/

अरविन्द केजरीवाल ने सियासी चौसर पर जो पांसा फेका है बह दिल्ली की जनता के साथ जुड़ा हुआ है/केजरीवाल का कहना था कि मैं ईमानदार हूं या गुनाहगार, दिल्ली की जनता जब तक अपना फैसला नहीं सुना देती, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे/ केजरीवल के इस वक्तव्य के पीछे बड़ा सियासी संदेश छिपा हुआ है/

यहां एक आशंका और सर उठाती हुई दिखाई देती है/ झारखंड में मनी लांड्रिंग के एक मामले में वहां के सीएम शीबू सोरेन को जेल जाना पड़ा था/उस दौरान उन्होने पार्टी के वरिष्ठ नेता और भरोसे मंद चंपाई सोरेन की सीएम के पद पर तजपोसी की थी/शीबू सोरेन जब जेल से बाहर आए तो चंपई सोरेन को हटाकर खुद सीएम बन गए/चंपई सोरेन को शायद यह बात नागवार गुजरी/वे मौका देखकर भाजपा में शामिल हो गए/ यहीं आशंका आम आदमी पार्टी में सीएम बनी आतिशी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है/यह तो वक्त बताएगा कि कि आशंका किस हद तक जाती है/ केजरीवाल के इस्तीफे का दांव कितना कारगर होता है, ये सब अभी भविष्य के गर्भ में समाया हुआ है।


Published: 19-09-2024

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