प्रधानमंत्री ने की प्रशंसा
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने रविवार को गुजरात के गांधीनगर में भारत सरकार के न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय द्वारा आयोजित 4th Globle RE-INVEST 2024 समिट में यूपीनेडा द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अवलोकन कराया। ऊर्जा मंत्री ने इस दौरान उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की माननीय प्रधानमंत्री जी को जानकारी दी। उन्होंने पीएम सूर्य घर योजना तथा प्रदेश के शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने हेतु किये जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति से संतोष व्यक्त किया और उन्होंने अपने वक्तव्य में भी अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए किए जा रहे कार्यों तथा प्रदेश के अन्य शहरों में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे कार्यों और इसके सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय लाभों की प्रशंसा की।
श्री ए.के. शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। अब तक 4230 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।
विगत दो वर्षों में महाराजगंज, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बहराइच, गोंडा के सुदूर क्षेत्रों में 10 हज़ार घरों को सोलर ऊर्जा से रोशन किया गया। वहीं अयोध्या अब सूर्य नगरी बन चुकी है, अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, यहां पर एनटीपीसी के सहयोग से सरयू नदी के किनारे 40 मेगावाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किया गया, साथ ही सोलर कोल्ड स्टोरेज, सोलर ट्री, सोलर वाटर कियास्क, सोलर हाई मास्ट, सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। लक्ष्मण किला से निर्माणी कुंड तक 10.25 किलोमीटर के रास्ते में खंभों पर सोलर स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लगाई गई। सरयू नदी में दो सोलर बोट भी टूरिज्म की दृष्टि से संचालित की जा रही है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रदेश में 25 लाख घरों को सोलर रूफटॉप से आच्छादित किए जाने का लक्ष्य है।लक्ष्य के अनुरूप इस क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में तथा बायो एथेनॉल के क्षेत्र में भी प्रोजेक्ट लगाने के लिए तेजी से कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश बायोएथेनॉल में देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। इसी प्रकार कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश 210 TPD के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। इस क्षेत्र में स्थापित 24 प्रोजेक्ट से उत्पादन शुरू हो गया है और 93 प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है।
उन्होंने बताया कि बायोगैस का उत्पादन कृषि से निकलने वाली बेकार एवं अनुपयोगी वस्तुओं, तथा गोबर और नगरीय ठोस अपशिष्ट जैसी चीजों से किया जाता है। यूपी में कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) की स्थापित 24 परियोजनाओं की कुल क्षमता 210 टन प्रतिदिन (टीपीडी) है। इनमें कुल 1600 करोड़ रुपए के निवेश के साथ यूपी देश में प्रथम स्थान पर है। साथ ही प्रदेश में सीबीजी के 93 और संयंत्र निर्माणाधीन हैं, जिनमें कुल 5000 करोड़ रुपए का निवेश होना है।
इसी प्रकार पिछले दो वर्ष में जैव ऊर्जा की 32 परियोजनाएँ स्थापित हो चुकी हैं, जिसमें कम्प्रेस्ड बायोगैस की 24, बायोडीजल की 05 तथा बायोकोल की 03 परियोजनाएँ शामिल हैं। इस हरित ऊर्जा के उत्पादन एवं उपयोग से पर्यावरण के फ़ायदे के साथ किसानों एवं नगर निकायों की आमदनी भी बढ़ रही है।