श्रीमद्भगवद्गीता : हृदय में स्थित हैं भगवान हे भारत! सब प्रकार से उसी की शरण में जाओ | उसकी कृपा से तुम परम शान्ति को तथा परम नित्यधाम को प्राप्त करोगे |