उत्तर प्रदेश के प्रखर स्वाधीनता संग्राम सेनानी पं.रघुनंदन शर्मा के उत्तराधिकारी परिवार प्रतिनिधि एवं भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष व संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि जिन सेनानियों की त्याग और तपस्या के बल पर आज हम आजादी की सांस ले रहे हैं, उनके प्रति कृतज्ञ बने रहना और उनके सपनों के अनुरूप भारत का निर्माण करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित किशोरों, युवाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को तत्संबंधी संकल्प कराए।
उधर उत्तराखण्ड के तीर्थनगरी हरिद्वार में अमर शहीद जगदीश वत्स पार्क ज्वालापुर में अमर शहीद जगदीश वत्स के चित्र पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील कुमार जोशी, मुरली मनोहर, डॉ नरेश कुमार चौधरी तथा प्रसिद्ध समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा व उपस्थित परिवारों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गईं।
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने इस अवसर पर कहा कि हर महीने प्रथम रविवार 10 बजे 10 मिनट पूर्वजों के नाम अभियान के अंतर्गत यह कार्यक्रम आज पूरे देश में एक साथ सम्पन्न हो रहे हैं, उन्होंने कहा कि हम याचक नहीं हैं, बल्कि अपना सर्वस्व न्योछावर करके देश को पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त कराने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार हैं, जिन्होंने शिक्षा-दीक्षा से लेकर जीवन निर्वाह तक का दंश सबसे अधिक झेला है,
इसलिए स्वतंत्रता सेनानी परिवार सम्मान के अधिकारी हैं, लेकिन दुःख तब होता है जब इनकी तुलना राजनीतिक सत्ता के लिए संघर्ष करने वालों से की जाती है। आज हम अपने पूर्वजों के सम्मान तथा अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए इन कार्यक्रमों के माध्यम से देश भर के सेनानी परिवारों को संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं।
आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति डॉ सुनील कुमार जोशी ने अपने पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. दुर्गा दत्त जोशी का जीवन परिचय बताया कि सन 1941 में उनके पिताजी को स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी करने पर एक वर्ष के कठोर कारावास तथा 25 रुपए का जुर्माना लगाया गया था, एक बार बरेली जेल में सभी क्रान्तिकारियों ने भूख हड़ताल करने का निश्चय किया, अधिकांश वृद्ध क्रान्तिकारी थे, उनके पिता ने उनकी वृद्धावस्था को देखते हुए उन्हें ऐसा करने से मना किया, पर वे नहीं माने।
तीन दिन व्यतीत होते ही सभी अशक्त होने लगे, ऐसी स्थिति में घुड़साल में घोड़ों के लिए बनाई गई सूखी रोटियां तथा चना चुग कर खाने के लिए विवश हुए। ऐसे थे हमारे अमर सेनानी, जिनकी बदौलत आज हमारा देश स्वतन्त्र है।
इसके साथ ही देश के विभिन्न भागों उत्तर प्रदेश में रमेश कुमार मिश्रा, राजेन्द्र पाण्डेय, मुन्ना लाल कश्यप, इशरत उल्ला खान, राजेश प्रताप सिंह, महन्थ प्रजापति, मध्य प्रदेश में दिलीप मराठे, सुनील कुमार गुजराती, शैलेन्द्र जलखरे, हरियाणा में कपूर सिंह दलाल, उत्तराखंड में अवधेश पंत, शशांक गुप्ता, सुरेन्द्र बुटोला, महाराष्ट्र में अप्पासाहेब शिंदे, उड़ीसा में प्रकाश नायक,
बसन्त कुमार दास, राजस्थान में विशाल सिंह सौदा, प. बंगाल में मोनोतोष दास, त्रिपुरा में श्रीमती दीपा दास, झारखंड में दिवाकान्त झा, पंजाब में परमजीत सिंह, निर्मल सिंह, छत्तीसगढ़ में मुरली मनोहर खण्डेलवाल, अशोक रायचा, तमिलनाडु में एम. षणमुगसुंदरम, कुइलिन त्रिची, तेलंगाना में सिंगू रमेश महमूदाबाद, बी. रविंद्र गुप्ता तथा कर्नाटक में अप्पाराव नावले के नेतृत्व में सभी कार्यक्रम आयोजित किए गए। पहली तारीख को इन्दौर तथा आज गांधी भवन भोपाल में गांधी भवन में अजय सीतलानी जी के नेतृत्व में माता अहिल्याबाई की प्रतिमा एवं बापू की समाधि पर माल्यार्पण करके राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत का गायन किया गया।
हरिद्वार जिले में स्वतंत्रता सेनानी स्मृतिस्तंभ बहादराबाद, लक्सर, भगवानपुर, राजा विजय सिंह स्मारक कुंजा बहादुरपुर में भी पुष्पांजलि समर्पित करके राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत गायन किया गया। रुड़की तहसील में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के अध्यक्ष देशबन्धु , कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सैनी, संगठन के प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन , नवीन शरण निश्चल के नेतृत्व में रुड़की क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी परिजनों ने सुनहरा वट वृक्ष व ब्लाक कार्यालय परिसर में बने स्वतंत्रता सेनानी स्तम्भ पर जाकर क्षेत्र के शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के अन्त में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री खेम सिंह के पुत्र बलबीर सिंह के निधन पर दो मिनट मौन रहकर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की गई। हरिद्वार में स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के श्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, अर्जुन सिंह राणा, डॉ विनोद कुमार उपाध्याय, वीरेंद्र गहलोत, शिवेंद्र गहलोत, डॉ वेद प्रकाश आर्य, कैलाश चंद्र वैष्णव, धर्मवीर धींगरा, जय भगवान, सुरेंद्र छावड़ा, आचार्य करुणेश मिश्रा, आशुतोष शर्मा, धीरज शर्मा, संचित शर्मा, दिवाकर गुप्ता, ग्रीन मैन विजय पाल बघेल, आदित्य गहलोत, धीरज अवस्थी, कुशल उपाध्याय तथा हितेश छाबड़ा आदि सम्मिलित हुए।