मिश्र ने कहा कि 6 वर्ष पूर्व सरकार द्बारा 2000/-का नोट का चलन ही गलत था, उस समय प्रधानमंत्री मोदी जी द्बारा यह कहते हुए नोटबंदी की थी कि इससे आतंकवादियों की कमर टूट जाएगी तथा ब्लेक मनी बाहर आ जाएगी इस बार ऐसी क्या आवश्कयता आन पड़ी। कहा कि भारत का आम नागरिक अपने दुख सुख के लिए एक -दो लाख रुपये जमा रखता है ऐसे में उसे अनावश्यक बेंक के चक्कर लगाने पड़ेंगे। चूँकि कल की घोषणा के बाद से ही आमलोगों में नोट के प्रचलन को लेकर दुविधा हो रही है। लोग 2000/-का नोट लेने में संकोच कर रहें है।
ललित मोहन मिश्र ने केंद्र सरकार से ऐसे निर्णयों को जनता के हितों को देखते हुए लेने का आग्रह किया