गत 13 मार्च को मध्य रात से 14 मार्च के प्रारंभ तक पंजाबी नव वर्ष का जश्न राजधानी के सभी गुरुद्वारों में श्रद्धा पूर्वक व हर्ष उल्लास पूर्वक मनाया गया. इस सुअवसर पर राजधानी स्थित नाका हिन्होला श्री गुरुद्वारा सिंह सभा में भी भव्य आयोजन किया गया. गुरूद्वारा भवन, दरबार हॉल को विद्युत झालरों व फूलों से सजाया गया था.
हॉल के मध्य संगमरमर निर्मित सिंहासन पर विराजमान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की अनुपम शोभा सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही थी. सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पर पुष्पों की वर्षा की. अमृतसर से आए रागी जगतार सिंह सिमरप्रीत सिंह आदि ने गुरुबानी व कीर्तन सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया. पुरुष, महिला, बच्चे, युवा और युवतियों सभी ने दरबार हॉल में आकार मथा टेका और एक दूसरे को नए साल की लख लख बधाईयां दी.
ज्ञानी सुखदेव सिंह ने बताया कि हर साल 14 मार्च को नानकशाही नया साल मनाया जाता है. इस दिन से नानकशाही कैलेंडर प्रारंभ होता है इस बार साल 555 वा हैं. प्रवक्ता सतपाल सिंह मीत ने बताया कि 12 में 5 माह 31 दिन और 30 दिन 7 माह के होते हैं.
गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष Rajinder सिंह बग्गा ने सभी को नया साल की मुबारकबाद दी और सभी जत्था भाईयों को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया, दरबार हॉल के बाहर अनेक सेवादारों ने खाने पीने के अनेक स्टाल लगाए थे और अपनी सेवा दे रहे थे. कार्यक्रम समाप्ति पर सभी ने गुरु का लंगर छका !