दो दिवसीय गुलाब और ग्लैडियोलस प्रदर्शनी
सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से
खुशबू आ नहीं सकती कभी कागज़ के फूलों से
जी हां, जनवरी माह की कड़ाके की ठंड भले ही हो, परन्तु राजधानी वासियों को प्रतीक्षा होती है माह के तीसरे शनिवार व रविवार की, जब वे अपने घर से निकलकर आते है nbri के सेंट्रल lawn में, जहां वे गुलाब व गलेदिओलास के एक नहीं दो नहीं अनगिनत वैरायटी v रंगों से रुबरु होते हैं. 21 व 22 जनवरी को कुछ ऐसा ही नज़ारा nbri के सेंट्रल लॉन में दिखा जहां बच्चे, युवक, युवतियों, पुरुष व महिलाओं ने खूब एन्जॉय किया.
खास बात यह थी कि एक दिन पूर्व बारिश ने पुष्प प्रेमियों को थोड़ा सोचने पर बाध्य किया था, बावजूद इसके संस्थान के समस्त वैज्ञानिक, अधिकारियों, कर्मचारियों, मालियों सभी के अथक प्रयास ने लॉन को सुसज्जित कर दिया जिसकी आग्नतुकों ने भूरि भूरि प्रसंशा की,
पंडालों में जब दर्शक रोज़ व gladiolus देखने पहुंचे तो सभी के चेहरों पर अलौकिक आनंद था.
चौक से आई 4 वर्षीय इलक्षी राठौर ने कहा हम पिंक color का रोज़ देखने आए हैं. Sgpgi से पहली बार आई phd student Jyotika व रुचि को प्रदर्शनी में आकर बहुत आनंद आया, कैमरे में फूलों को क़ैद किया तो दोस्तों के साथ सेल्फी व photo bhi ली
वहीं mrs बृजबाला कहती है फूल भले हो कम दिखे, लेकिन यहां आकर जो मज़ा आता है उसकी बात ही अलग है, यहां आकर अनेक प्रकार की जानकारी मिलती है खासकर यदि आप garden प्रेमी है तो संस्थान द्वारा रखे, एलोवेरा, रोज़ औषधीय पौधे लॉन की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे.
लॉन में कोई सेल्फी ले रहा था तो कोई अपने कैमरे में फूलों को कैद कर रहा था कोई वीडियो बना रहा था तो कोई लॉन में खिली धूप में पिकनिक सदृश मज़ा ले रहा था. लॉन के राइट साइड प्रदर्शनी, लेफ्ट साइड विभिन्न स्टाल थे, जिनमें cimap के खाद, पेंछु, क्रैकर्स, रोज़ वाटर, फेसवॉश, lipbalm, agarbatti etc ki sabhi ke bare me logon ne jankari Bhi ली और खरीदारी भी की. स्टाल में ड्राई फ्लॉवर से तैयार की गई वस्तुओं ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया. इयर्रिंग, बैंगल्स costers , candle, stand,, cards, सीनरी पेपर वेट आदि को सभी ने देखा और जानकारी भी हासिल की.
इसके अलावा फूलों से तिरंगा बनाया गया था, जो सभी के लिए सेल्फी प्वाइंट बना. प्रदर्शनी देखने के साथ साथ पौधे, खाद, अचार, सजावटी सामान और खाने पीने के स्टॉलस लोगो ने खूब एन्जॉय किया. फूलों से लोगों ने कई आकर्षक वस्तुएं बनाई थी.