एफपीओ की भूमिका पर भी चर्चा
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार एवं बीएमजीएफ (बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन) के बीच नॉलेज पार्टनरशिप के तहत की जा रही विभिन्न पहलों की समीक्षा की। अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी जिसकी शुरुआत 2019 में तीन प्रमुख फोकस क्षेत्रों के साथ हुई थी पोषण केंद्रित - कृषि प्रसार एवं महिलाओं के अनुकूल एवं जलवायु स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने एवं एफपीओ के लिए बाजार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करके किसानों की आय में वृद्धि। बैठक में पोषण से भरपूर फसलों की खेती और विपणन में एफपीओ की भूमिका पर भी चर्चा हुई। बैठक के दौरान, राज्य सरकार ने राज्य के प्रत्येक विकास खंड में कम से कम एक एफपीओ स्थापित करने का आशय भी व्यक्त किया।
उल्लिखित क्षेत्रों में टीएसयू द्वारा किए गए हस्तक्षेपों पर एक विस्तृत प्रस्तुति देते हुए, बीएमजीएफ समर्थित टीएसयू ने राज्य में कुपोषण को दूर करने के लिए मिड-डे-मील कार्यक्रम के माध्यम से पौष्टिक वस्तुओं की खपत बढ़ाने वाले बायो-फोर्टिफाइड बीजों पर किए गए हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला। इसमें यह भी बताया गया है कि किस प्रकार टीएसयू नवोन्मेषी कृषि प्रौद्योगिकी प्रदाताओं एवं एफपीओ को एक साथ लाने एवं नवोन्मेषी तकनीकों को अपनाने के लिए एक सेतु के रूप में कार्य कर रहा है। यह भी बताया गया कि कैसे एफपीओ और खरीदारों के बीच कनेक्टिविटी स्थापित की गयी है जिसके कारण स्थानीय बाजार एवं निर्यात के माध्यम से आय में वृद्धि हुई है। बैठक में यूपीएफपीओशक्ति (UPFPO Shakti) पोर्टल की अद्वितीय भूमिका पर भी चर्चा की गई कि कैसे यह कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने में सफल रहा, जिससे डेटा-आधारित निर्णय लेने में मदद मिली।
एफपीओ ने विभिन्न हस्तक्षेपों को लागू करने एवं विभिन्न योजनाओं तक पहुंचने में विभाग एवं टीएसयू से प्राप्त अपार समर्थन एवं लाभों के बारे में चर्चा की। एफपीओ ने दृष्टि योजना की सराहना की, जिसके तहत सरकार ने उन्हें बीज प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए समर्थन दिया है। उन्होंने क्षमता निर्माण के लिए टीएसयू की भी सराहना की, विशेष रूप से मशरूम आदि जैसे पोषण केंद्रित उत्पादों की खेती और विपणन के प्रबंधन के लिए। बाजार के हितधारकों एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने भी एफपीओ के साथ अपने सहयोग के बारे में बात की एवं बताया कि कैसे वे एफपीओ के साथ स्थायी एवं पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध सुनिश्चित करने में टीएसयू के साथ सहयोग कर रहे हैं।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी, निदेशक कृषि, निदेशक मंडी, निदेशक सिमा रहमानखेड़ा एवं विभाग के अन्य अतिरिक्त एवं संयुक्त निदेशक भी उपस्थित थे। बीएमजीएफ टीएसयू एग्रीटेक स्टार्टअप्स, एफपीओ एवं बाजार प्रतिनिधि के खिलाड़ी भी मौजूद थे।