ऋषिकेश में देर रात तहसीलदार ऋषिकेश के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा आमरण अनशन पर बैठी शकुंतला रावत जी को जबरन उठाकर ले जाने पर सभा ने एक सुर में तहसीलदार व पुलिस प्रशासन की भर्त्सना की. शकुंतला रावत के रात 12 बजे प्रशासन द्वारा उठाये जाने पर उनके स्थान पर समिति की संयोजक मण्डल का सदस्या सरोजिनी थपलियाल आमरण अनशन पर बैठी. आज क्रमिक अनशन में डिम्पल तोमर, लक्ष्मी कठैत बैठे.
अस्पताल से लौटने के बाद शकुंतला रावत ने बताया की कल देर रात तहसीलदार व पुलिस द्वारा मुझे जबरन रात के अंधेरे में चोरों की तरह ले यहाँ से ले गये और दो किलोमीटर की दूरी के एम्स अस्पताल को छोड़कर दून मेडिकल कॉलेज देहरादून भेजा गया. कहीं ना कहीं मेरे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया जिससे मेरी पीठ में भी चोट लगी है. मैं इनका शिकायत ज़रूर करूँगी. उत्तराखंड क्रांति दल की कार्यकारी अध्यक्ष किरन रावत ने कहा कि हम तो आंदोलन से निकले लोग हैं और पुलिस प्रशासन से डरने वाले नहीं हैं. इसलिये इनको जो करना है करें जल्द ही आंदोलन को उग्रता की ओर जाना चाहिये.
इस दौरान धरने पर शीला ध्यानी, राकेश, विक्रम भारद्वाज, रविंद्र प्रकाश भारद्वाज, जातिश बिजलवान, अरविन्द हटवाल, डिम्पल चौहान, सुरेन्द्र सिंह नेगी, हिमांशु रावत, हेमा रावत, जया डोभाल, प्रमिला जोशी, राजेंद्र सिंह रावत, प्रवीण जाटव, पितांबर दत बुडाकोटी, अमरा बिष्ट, मदन सिंह, विनोद रतूड़ी, भगवती चमोली, वीर सिंह, शुसील कुमार, अशुतोष डंगवाल, जयेंद्र रमोला, केंद्र पाल, अवतार सिंह, सुरेन्द्र सिंह चौहान, शकुंतला कालूड़ा, बीना देवी, पुष्पा नेगी, टीकाराम राठौर, अभिनव बिष्ट, उषा अशवाल, गंगोत्री देवी, राधा, प्रीत थपलियाल, श्याम सिंह रावत, भोला प्रसाद चमोली, प्रवीण चंद रावत, बिजेंद्र सजवान, देवी प्रसाद व्यास, संजय सिलस्वाल आदि मौजूद रहे.