सप्त शक्ति कमान के खरल टॉप, हिमाचल प्रदेश के ट्रेकिंग अभियान को 09 सितंबर को हिसार से जनरल ऑफिसर कमांडिंग, डॉट ऑन टार्गेट डिवीजन मेजर जनरल आशीष शाह द्वारा झंडी दिखाकर 14 सदस्यों वाला ट्रेकिंग अभियान हिमाचल प्रदेश में कल्पित चंद्रखानी-खराल ट्रेकिंग मार्ग का प्रयास कर रहा है. 17 दिनों की ट्रेकिंग नग्गर से शुरू होकर पार्वती घाटी से होकर गुजरेगी, शेफर्ड के ट्रेक को कवर करेगी और खारल टॉप पर शिखर पर पहुंचेगी. ट्रेकिंग रोमांच की भावना का प्रतीक है.
5 बख़्तरबंद रेजिमेंट की 14 सदस्यों की टीम को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया है और यह जोखिम लेने की प्रवृत्ति और व्यक्तियों के साहस के लिए प्यार का परीक्षण करेगी. टीम रास्ते में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और प्रकृति के प्रति प्रेम का संदेश फैलाने का कार्य भी करेगी. ट्रेकिंग भारतीय सेना द्वारा नियमित रूप से की जाने वाली महत्वपूर्ण साहसिक गतिविधियों में से एक है. इस तरह की गतिविधियां सैनिकों को साहस, सौहार्द और सहनशक्ति की परीक्षा देती हैं. यह स्थानीय आबादी को दूर-दराज के क्षेत्रों में राष्ट्रीय कारणों का समर्थन करने वाली भारतीय सेना की पहुंच और मिशन के बारे में फिर से आश्वस्त करता है. भारतीय सेना हमारे देश के भूगोल और संस्कृति की विशालता का पता लगाने के लिए ऐसी जगहों तक पहुंच रही है और दृढ़ता से इस कहावत में विश्वास करती है कि "जब आदमी और पहाड़ मिलते हैं तो महान चीजें होती हैं."