विगत 7 जुलाई को हर वर्ष की भांति आषाढ़ माह, शुक्ल पक्ष द्वितीया को प्रभु जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भ्राता बलभद्र के साथ 9 दिनों के लिए मौसी के घर जाने के लिए और अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए अपने देवालय से निकलकर रथ पर आरूढ़ हुए।
प्रभु का रथ जिस मार्ग से गुजरता या रुकता, भक्त भी वहीं रुककर प्रभु के दर्शन कर उनकी आराधना करते, इस पावन यात्रा को श्री श्री जगन्नाथ रथ यात्रा, रथ, रॉथ और सीधा रथ कहा जाता है।
मौसी के घर 9 दिन रहने के पश्चात् प्रभु पुनः रथ पर आरूढ़ होकर अपने घर आते है और वो पवन दिन आज है , इसे उल्टा रथ कहा जाता है।
प्रभु अपने घर आ रहे हैं इस आनंदमय पल को देखने के लिए भक्त उसी प्रकार मार्ग में प्रभु की प्रतीक्षा करते हैं जिस प्रकार 9 दिन पूर्व उन्होंने किया था।
राजधानी लखनऊ में रथ यात्रा तो शहर के विभिन्न स्थानों से देखने को मिलती है परंतु उल्टा रथ यात्रा एक मात्र मकबूल गंज स्थित श्री श्री हरि सभा मंदिर द्वारा ही देखने को मिलती है ।
मंदिर के पुजारी तारक नाथ ने बताया कि सुबह प्रभु जगन्नाथ, मां सुभद्रा और प्रभु बलभद्र की पूजा और हवन आदि विधि विधान से किया गया, आज ये रथ यात्रा मंदिर से प्रारंभ होकर विपरीत मार्ग लाटूश रोड, भानुमती चौराहा, हुसैनगंज, लालकुआं होते हुए मंदिर में संपन्न होगी, यात्रा में बड़ी संख्या में बच्चे, युवा, स्त्री और पुरुष सभी आयु वर्ग के श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। रथ वापसी पर प्रभु का भोग भी वितरित किया जाएगा ।
बबिता बसाक, लखनऊ।