अलीपुर शहीदी स्मारक में संग्रहालय बनाने की मांग
इस अवसर पर स्मारक पर सभी शहीदों की कुर्बानी की ऐतिहासिक जानकारी एकत्रित करके यहां पर संग्रहालय बनाने की मांग भी उठाई गई. स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारी में से एक थे शहीद-ए-आजम भगत सिंह।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भगत सिंह की शौर्य गाथाओं और विचारों से अनेकों देशभक्तों ने प्रेरणा लेकर स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी तरह से आज देश के युवाओं के रग रग में देशभक्ति की भावना, क्रांतिकारी विचारों और अनमोल वचनों को पहुंचाना बहुत ही जरूरी है, जिससे युवाओं की रगों में भी देशभक्त की भावना का संचार हो सके और वह भी देश और समाज के लिए कार्य कर सकें।
सामाजिक कार्यकर्ता चौ.अनूप सिंह ने बताया कि गांव अलीपुर का भी स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी इतिहास रहा है, यहां पर 1857 की क्रांति में सैकड़ों क्षेत्र वासियों को अनेकों प्रकार से यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा गया था। लेकिन यहां पर शहीद स्मारक के नाम पर सिर्फ एक स्तंभ बना हुआ है, जिस पर कुछ बलिदानियों के नाम लिखे गए हैं।
वही चौधरी हरपाल सिंह राणा ने बताया की शहीद स्मारक पर सभी शहीदों की कुर्बानियों पर संग्रहालय बनाने की मांग क्षेत्र वासियों की तरफ से बहुत दिन से की जा रही है, लेकिन दिल्ली और केंद्र सरकार संज्ञान नहीं ले रही है।
इस अवसर पर कारगिल विजेता सतबीर सिंह उनके पत्नी राजेश देवी, सीमा राणा, संगीता, जय भगवान जून, अशोक मलिक, कवि संजीव भारद्वाज, नीरज शर्मा आदि उपस्थित रहे, जिन्होंने शहीद ए आजम भगत सिंह के 116वीं जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर, आज़ादी का अमृत काल और इस पूजनीय स्थल पर भव्य शहीद स्मारक बनाने का भी सरकार से आग्रह किया।