Media4Citizen Logo
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल
www.media4citizen.com

निजी स्कूल अनुचित, भेदभावपूर्ण और मनमाने नहीं हो सकते : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के अपने स्वयं के मानदंडों के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने के अधिकार को बरकरार रखा। अदालत ने जोर दिया कि प्रवेश मानदंड “उचित, तर्कसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण” होना चाहिए और “मनमाना” नहीं हो सकता।

 दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट

प्रवेश प्रक्रियाओं को एक “उद्देश्य और तर्कसंगत” चयन प्रक्रिया का पालन करना चाहिए जो पारदर्शी, पहचान योग्य और निष्पक्ष हो।
यह निर्णय उस मामले के जवाब में किया गया था जिसमें एक नाबालिग लड़के ने सहोदर मानदंड के तहत कक्षा-1 में एक निजी स्कूल में प्रवेश मांगा था, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वह अपने भाई-बहन की स्कूली शिक्षा की फीस पर्ची देने में असमर्थ था।

अदालत ने कहा कि स्कूल द्वारा नवीनतम स्कूल शुल्क रसीद की केवल एक फोटोकॉपी प्रदान करने पर जोर देना अनुचित और मनमाना था, और स्कूल को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को सहोदर अंक प्रदान करे और स्कूल द्वारा पालन किए गए मानदंडों के अनुसार उसे प्रवेश प्रदान करे। अदालत ने दोहराया कि जबकि निजी संस्थानों को प्रवेश के लिए अतिरिक्त पैरामीटर तैयार करने की स्वायत्तता है, ऐसे मानदंड समान, गैर-भेदभावपूर्ण और स्पष्ट होने चाहिए


Published: 20-04-2023

Media4Citizen Logo     www.media4citizen.com
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल