कला, संस्कृति व संगीतमय माहौल का समापन
लखनऊ में गत 18 से 22 मार्च तक गोमती नगर उत्तर संगीत नाटक अकादमी परिसर में आयोजित पांच दिवसीय अवध महोत्सव का समापन हो गया । खुले आकाश के नीचे अवध की कला, संस्कृति खान पान गीत-संगीत को जानने समझने देखने और खाने पीने का पूर्ण लुफ़्त उठाया अवध निवासियों ने.
जहां एक ओर लोग कला को देखकर वे खुश हुए वहीं शाम को आयोजित अवध संध्या ने अलग अलग गीत व संगीत का भरपूर आनंद भी उठाया यहां के लोगों ने. प्रवेश करते ही विविध प्रकार की वाटर ऑयल पेंटिंग, भवन की सीढ़ियों पर वीणा चेयर आदि स्कल्पचर ने आंगुतकों को महोत्सव में जाने की उत्सुकता को और प्रबल कर दिया.
स्टॉल्स में चिकन के वस्त्र, खादी के कुर्ते, बनारस की साड़ी ,छत्तीसगढ़ के ड्रेस मटेरियल दुपट्टे, गुजरात की वॉशेबल बैग्स, खिलौने, कालीन, कुर्ते, जयपुर के स्कर्ट, काफ्तान, नाना प्रकार के खुशबू में अगरबत्ती, धूप आदि और इसके अलावा अवध के खान पान में चाय, बिरयानी, चावल, व्रत व्यंजन, बताशा, टिक्की कॉफी आदि के स्वाद को लोगो ने चखा और उत्सव का भरपूर आनंद उठाया.
सभी आयु वर्ग के लोगों ने सेल्फी प्वाइंट पर जाकर अपनी फोटो ली और एक दूसरे को सेंड किया. महोत्सव में आकर लोगों ने पतंगबाज़ी, इक्का दौड़, हेरिटेज वॉक, शतरंज, पुतुल उत्सव को भी देखा जाना और विविध जानकारी भी हासिल की. उत्सव में आयोजित विविध प्रतियोगिता में भी सभी ने भाग भी लिया और ईनाम भी जीता. सूफी गीत- संगीत, गायन, गजल, नाटक, कवि सम्मेलन, आदि ने अवध की शाम को पूर्ण रूप से सार्थक और अवध महोत्सव को पूरी तरह से सफल बना दिया.
कला, संस्कृति व संगीतमय माहौल के मध्य पुरस्कृत विजेताओं के साथ अवध महोत्सव का 22 मार्च को समापन हुआ !