72 फीट ऊंचे तिरंगे का उद्घाटन।
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी में 72 फीट ऊंचा तिरंगा स्थापित किया गया। बतौर मुख्यातिथि फ्लैग फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष सांसद नवीन जिंदल ने इस तिरंगे का ध्वजारोहण करते हुए उद्घाटन किया। इस अवसर पर सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि तिरंगा देश की आन बान शान है। इस तिरंगे के नीचे ना कोई राजा है ना कोई रंक है, ना कोई अमीर है ना ही गरीब है, ना कोई नौकर है ना कोई मालिक है। इसके नीचे हम सभी एक भारतीय हैं। हर व्यक्ति को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार दिलाने के लिए उन्हें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी।
उन्होंने कहा कि 23 जनवरी 2004 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाते हुए हर नागरिक को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार दिया। अब उनका प्रयास रहेगा कि 23 जनवरी को राष्ट्रीय झंडा दिवस घोषित करने की मांग उठाकर उसे केंद्र सरकार से पूरा करवाया जा सके। क्योंकि इस दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस भी मनाया जाता है। दोनों दिन एक साथ मनेंगे तो अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की उपाध्यक्षा शालू जिंदल भी देश भर में राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करने की योजना का बेहतर ढंग से नेतृत्व कर रही हैं। उन्हीं के प्रयास से 2009 में सबसे पहले 207 फीट ऊंचा ध्वज कैथल की हनुमान वाटिका में फहराया गया। फ्लैग फाउंडेशन अब तक पूरे देश में 152 ध्वज लगा चुका है।
एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर बीवी रमना रेड्डी ने कहा कि सांसद नवीन जिंदल के इस प्रयास से युवाओं में राष्ट्रीय एकता की भावना प्रबल हो रही है। एनआईटी परिसर में तिरंगा स्थापित होने से विद्यार्थी राष्ट्र प्रेम की प्रेरणा लेते रहेंगे। उन्होंने सांसद को बताया कि संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर लगभग 40 हजार इंजीनियर विश्व भर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जो कुरुक्षेत्र के लिए गर्व की बात है। संस्थान के छात्रों ने देशभक्ति से भरे गीतों और कविताओं की प्रस्तुति भी दी। इस मौके पर डीन दीक्षित गर्ग, डीन प्रो. वीपी सिंह आदि मौजूद रहे।
जिंदल ने ट्रंप को जीत पर दी बधाई
सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि अमेरिका में ट्रंप की जीत से भारत के साथ संबंधों का लाभ मिलेगा। ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा के शुरू से ही समर्थक रहे हैं। उनके चुने जाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए का रहे विश्व शांति के प्रयास को भी गति मिलेगी।
- वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक