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ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने : जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी

श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाना तभी सार्थक होगा जब गौ सेवा का प्रण लें : ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।

जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी

कुरुक्षेत्र में तो भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने के विशेष महत्व है। इस धरती पर तो भगवान श्री कृष्ण का मानव स्वरूप में कई बार आगमन हुआ है। जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहाकि गीता की जन्मस्थली एवं महाभारत की युद्धस्थली के रूप में कुरुक्षेत्र की पहचान भगवान श्री कृष्ण की वजह से ही है।

भगवान श्रीकृष्ण का धरती पर जन्म पूरी मानव जाति के लिए वरदान है। माना जाता है कि द्वापर युग में कंस के अत्याचार बढ़ रहे थे, जिनका अंत करने और धर्म की स्थापना के लिए भगवाव विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने पृथ्वी लोक पर जन्म लिया। श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। हर साल इसी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।

ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहाकि कुरुक्षेत्र की भूमि पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व देश के सभी तीर्थों से अधिक है। इस धरती से भगवान श्री कृष्ण का अटूट संबंध है। ब्रह्मचारी ने सभी देशवासियों एवं प्रदेशवासियों को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की शुभकामनायें दी और कहाकि श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाना तभी सार्थक हो सकता है जब उनकी प्रिय गौ माता को भी संरक्षण मिले। उन्होंने दुःख व्यक्त किया कि आज गौ माता को संरक्षण एवं पोषण नहीं मिल रहा है। गौ माता सड़कों और गलियों में भटक रही है। उन्होंने कहाकि श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाना तभी सार्थक होगा जब गौ सेवा का प्रण ले।


Published: 26-08-2024

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