लखनऊ विश्वविद्यालय के शिवाजी पार्क में शिवानी जी की पुण्यतिथि और विश्व कविता दिवस के अवसर पर साहित्यिक संस्था काव्योम फाउण्डेशन की लविवि शाखा द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वरुण शुक्ला इस संगोष्ठी के आयोजक रहे।
संगोष्ठी के प्रथम चरण का संचालन मयंक मिश्रा ने किया। उन्होंने शिवानी जी के जीवन पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया और कविता पर अपने विचार साझा किए। साथ ही राकेश महदिउरी,अर्पित सिंह , द्वारिका नाथ पाण्डेय अन्य सदस्यों ने भी शिवानी जी के जीवन से जुड़ी कई बातें की और विश्व कविता दिवस पर चर्चा की।
संगोष्ठी के दूसरे चरण (ओपन माइक) के संचालक आर्यन मिश्रा रहे। इस चरण में आदित्य शर्मा ने मुरलीवादन से और फौजिया अंबारी ने एक हरियाणवी लोकगीत प्रस्तुत करके संगोष्ठी में ऊर्जा का संचार कर दिया। साथ ही राकेश महदिउरी,प्रशांत प्रखर और आर्यन मिश्रा ने अपनी गजलों से समां बांध दिया।
अर्पित सिंह ने वीर रस की स्वरचित कविता प्रस्तुत की। मयंक मिश्रा ने गोरख पांडे द्वारा रचित लोकगीत 'मैना' प्रस्तुत किया। आकाश वर्मा ने कुमार विश्वास द्वारा रचित गीत 'बांसुरी चली आओ' गुनगुनाया। अंशिका शुक्ला ने आशुतोष सिंह तिलक द्वारा रचित फागुन का गीत प्रस्तुत किया।
अंत में जय सिंह 'कौन्तेय' ने स्वरचित 'प्रेम का गीत' प्रस्तुत किया। तत्पश्चात सभी ने एक-दूसरे को होली की अग्रिम बधाइयां दी।