Media4Citizen Logo
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल
www.media4citizen.com

अनूप श्रीवास्तव को : भारतेंदु हरिश्चंद्र शीर्षस्थ सम्मान

वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं अट्टहास हास्य व्यंग्य मासिक के प्रधान संपादक अनूप श्रीवास्तव को युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र शीर्षस्थ सम्मान से सम्मानित किया गया।

भारतेंदु हरिश्चंद्र शीर्षस्थ सम्मान
भारतेंदु हरिश्चंद्र शीर्षस्थ सम्मान

दिल्ली में युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच ने अपने दसवें अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव के सम्मान सम्मारोह -2023 के अंतर्गत अनूप जी को छः दशकों के अधिक समय से हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट मौलिक लेखन और पत्रकारिता के शाश्वत मूल्यों के सतत संरक्षण में अप्रतिम योगदान के लिए गांधी प्रतिष्ठान के भव्य सभागार में दिया गया।

इस सम्मान समारोह के अध्यक्ष प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ प्रेम जनमेजय , मुख्य अतिथि एवं भारत सरकार के पूर्व रक्षा सचिव योगेंद्र नारायण, विशिष्ट अतिथि कथाकार बलराम और युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम किशोर उपाध्याय ने संयुक्त रूप से दिया। अनूप जी को स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र, सम्मान पत्र के साथ ही ग्यारह हजार रुपयों की सम्मान राशि से अलंकृत किया गया।

इसके साथ ही समारोह में श्रीमती शारदा मदरा (दिल्ली ) को महादेवी वर्मा सम्मान (7100रु),श्री राजकिशोर मिश्र (महाराष्ट्र) को अमीर खुसरो सम्मान(5100 रु), डॉ जमुना कृष्णराज (चेन्नई,तमिलनाडु)को सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान(5100रु), श्री किशोर जैन(गुवाहाटी,असम) को श्रीमती कमलेश प्रशांत को स्मृति सम्मान(5100रु), डॉ कंचना सक्सेना( जयपुर ,राजस्थान) को राम किशोरी स्मृति सम्मान(5100रु),डॉ रश्मि कौशल (दिल्ली )को डॉ. देवेंद्र स्मृति सम्मान(5100 रु),डॉ कृपा शंकर मिश्र (बिहार ) को मुंशी प्रेम चंद सम्मान(5100रु), श्रीमती अंशु विनोद गुप्ता(दिल्ली) को स्व.डी पी चतुर्वेदी सम्मान(5100रु) से सम्मानित किया गया।

दिल्ली के अतिरिक्त देश के विभिन्न राज्यों राजस्थान,चंडीगढ़,पंजाब,हिमांचल, आन्ध्र प्रदेश, प.बंगाल,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार,उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, तमिलनाडु एवं असम से पधारे साहित्यकारों को भी अंग-वस्त्रम,स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय ने पूर्व रक्षा सचिव योगेंद्र नारायण को लाइफ टाइम अचीवमेन्ट सम्मान पत्र, अंग वस्त्रम,पुष्प,माला देकर सम्मान किया। सम्मान पत्र में "पूर्व आईएएस" लिखा देखकर उन्होंने कटाक्ष किया - अरे भाई! मुझे एक्स आईएएस क्यों लिख रहें हैं आप ? मेरी आठ किताबों में कविता संकलन भी है ।इस पर तालियां बजी । मंचासीन मीरा शलभ ने कहा-वह मारा ! मीरा शलभ ने अट्टहास हास्य व्यंग्य मासिक पर भी चुटकी ली कि यह तो व्यंग्य की भागवत है |

अट्टहास के नवम्बर अंक ,युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच की वार्षिकी – ‘उत्कर्ष की ओर’ ‘व्यंग्य यात्रा’ और पत्रिका ‘नांदी’ जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का लोकार्पण इनके संपादक ( क्रमशः )सर्व श्री अनूप श्रीवास्तव, रामकिशोर उपाध्याय ,बलराम (परामर्श दाता ) और प्रेम जनमेजय की उपस्थिति में मंचस्थ अतिथियों के कर कमलों द्वारा किया गया |

पत्रिकाओं के विमोचन के बाद ओम प्रकाश शुक्ल की ‘मेरे गीत गोमती का जल’ , मिलन की तीन पुस्तक ‘मनस्विनी’, ‘अधीन अनुरागिनी’ व ‘अनुभूतियों के छाँव तले’ आशु शर्मा की ‘यादों के झरोखे से’ , अश्वनी कुमार की ‘तिनका तिनका जोड़ो तुम’ ,मंजु वशिष्ठ की ‘मंजुल पद्मालिका’ ,संजय गिरी की ‘ जीत तुमको लिखूं’ तथा रामकिशोर उपाध्याय की कृति ‘ब्रेड एवं बुक’ , सहित दस पुस्तकें भी लोकार्पित हुई |

समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व रक्षा सचिव योगेंद्र नारायण ने अनूप जी के साहित्यिक और पत्रकारिता के अवदान की चर्चा करते हुए कहा मेरी उनकी पचास सालों की मित्रता है। उनकी कलम में आज भी वही पैनापन है,आज भी जीवन के शाश्वत मूल्यों से जुड़े हुए है। अनूप जी को सम्मानित करके युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच को बधाई देता हूँ। अनूप जी का साहित्यिक अवदान मील का पत्थर बने यह मेरी कामना है।

समारोह के अध्यक्ष और व्यंग्य-यात्रा के सम्पादक डॉ प्रेम जनमेजय ने कहा जब मै पहली बार अनूप जी से मिला था मेरी आयु 41 वर्ष की थी और अनूप जी 47 वर्ष के थे। वे उस समय भी अपनी आयु से अधिक ऊर्जावान थे और आज भी है। अपनी साठ वर्षो के लंबे के साहित्यिक सेवा काल में मंचीय कविता और इतर गद्य लेखन तथा व्यंग्य लेखन को स्थापित करने में सेतु का काम किया है। उनमें सजग पत्रकार और व्यंग्य-लेखक के समस्त गुण मौजूद हैं ।यह इनके व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण पक्ष है।

अट्टहास के माध्यम से अनूप जी ने हजारों साहित्यकारों को व्यंग्य से जोड़ा है। वे छत्तीस से अधिक वर्षो तक स्वतंत्र भारत अखबार के अत्यंत लोकप्रिय कॉलम काँव काँव के साथ ही घाघ लखनवी,तीरंदाज, आराम कुर्सी के छद्म नामों से सत्ताधीशों की बखिया उधेड़ते रहे हैं। इस संस्था ने अपना शीर्षस्थ सम्मान देकर हम सभी को सम्मानित किया है।

समारोह के विशिष्ट अतिथि कथाकार बलराम ने कटाक्ष किया कि आज अगर नामवर सिंह जी यहाँ होते तो वे भी चुटकी लिए बिना नहीं रहते कि जिंदगी भर दूसरों को सम्मानित करने वाला आज स्वयं सम्मानित हो रहा है। अनूप जी का अवदान अतुलनीय है यह सम्मान वस्तुतः अनूप जी की लम्बी साहित्यिक सेवा के प्रति कृतज्ञता का द्योतक है।

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच ने भारत के विभिन्न राज्यों से साहित्यकारों को आमंत्रित करके अद्भुत सांगठनिक क्षमता का परिचय दिया है। सैकड़ों की संख्या में हिंदी तथा अहिन्दी क्षेत्रों से पधारे साहित्य मनीषियों को देख कर मुझे लघु भारत के दर्शन हो रहे हैं |

व्यंग्यकार अनूप श्रीवास्तव ने सम्मानित किये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा "आँख कितनी ही छोटी क्यों न हो ताकत उसमें पूरा आसमान देखने की होती है। उन्होंने कहा -जिंदगी एक हसीन ख्वाब है जिसे जीने की ताकत होनी चाहिए। गम खुद ही खुशी में बदल जायेगा। आप ठहाका लगाएंगे तो सारा जमाना अट्टहास करने लगेगा। उन्होंने मंच के अध्यक्ष राम किशोर उपाध्याय से आग्रह किया कृपया यह राशि अट्टहास हास्य व्यंग्य मासिक के बैंक खाते में ही जमा कर दें, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

सम्मान समारोह राष्ट्रीय अध्यक्ष उपाध्याय के लिए भी विशेष रहा जब देश के विभिन्न राज्यों से पधारने वाले साहित्यकारों में उलटे उन्हें भी सम्मानित करने की होड़ लग गयी। उपाध्याय जी ने अभिभूत होकर मंच से उतर कर कृतज्ञता ज्ञापन किया।

भारतीय साहित्य कला परिषद ग्वालियर ,मध्य प्रदेश की ओर से शायर डॉ मनोज फगवाड़वी,महासचिव और प्रियांक बैनीवाल ने उन्हें अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस / लाईफ़ टाईम अचीवमेंट अवार्ड के अलावा तथा श्री ओम प्रकाश प्रकाश प्रजापति प्रबंध संपादक/ ट्रू मीडिया ने “ट्रू मीडिया गौरव सम्मान -2021” एवं ओम प्रकाश शुक्ल एवं जय पकाश शुक्ल ने स्व. रामकिशोर शुक्ला स्मृति निधि समिति की ओर से युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने में उनकी महत्वपूर्ण सेवाओं हेतु स्व. रामकिशोर शुक्ला स्मृति निधि सम्मान -2021 और 5100 रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया |

मंच के राष्ट्रीय महासचिव ओम प्रकाश शुक्ल को प्रमुख संपादक श्री ओम प्रकाश प्रकाश प्रजापति ट्रू मीडिया / प्रबंध संपादक ने ट्रू मीडिया गौरव सम्मान -2021 से अलंकृत किया |

इस अवसर पर पुरस्कार गृहण करने के बाद सभी साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त किये। चेन्नई, तमिलनाडु से पधारी डॉ जमुना कृष्णराज ने मंच के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा सुदूर चेन्नई में बैठ हिंदी के लेखन कार्य कर रहे मुझको हिंदी साहित्य जगत में मान्यता मिलना मेरे लिए निश्चय ही अचरज की बात है। अपने यहां हिंदी में बात करना-घर हो या बाहर असंभव है। ऐसे माहौल में रहते हुए मैं लिखती हूं तो केवल आप लोगों के लिए ही।

यही कारण है कि अपने लक्ष्य पाठक वर्ग से मिलने की उत्सुकता मेरे मन में बढ़ी और इस दूरी को नज़र अंदाज करती हुई में पुरस्कार की आपकी सूचना पाते ही दिल्ली चल आई। तोंद वाले गणपति' नामक मेरी अनूदित बाल कविताओं की कृति भी जब आपके द्वारा पुरस्कृत हुई तो मैंने समझा मेरा लेखन का प्रयास फलीभूत हुआ। हाल में संयोगवश दीपावली के दिन तिरुपति में पद्मावती देवी मंदिर में आयोजित ब्रह्मोत्सव का टीटीडी चैनल के सीधा प्रसारण के लिए जब मुझे हिंदी उद्घोषिका बनने के लिए बुलाया आया तो इस दैवी संकल्प से मेरा मन अभिभूत हो उठा। यद्यपि यह मेरा पहला अनुभव था, ईश्वर की कृपा से देवी का गुणगान कर मैं इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कर पाई।

गुवाहाटी, असम से पधारे साहित्यकार किशोर कुमार जैन ने कहा कि असम से हिन्दी भाषी होकर असमिया साहित्य में अवदान देने हेतु सम्मानित हुआ। आज यहाँ दिल्ली से असमिया भाषी होकर हिन्दी भाषी साहित्यकार के रूप में सम्मानित होकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। असम साहित्य सभा के अधिवेशन में शताधिक पुस्तकों के विमोचन होते हैं।यहाँ भी इसी का परम्परा का पालन होते देखा | एक अदना सा साहित्यकार देश के इतने बड़े मंच पर पुरस्कार प्राप्त कर आभारी हूँ।

सभी को असम में आमंत्रित करता हूँ। डॉ रश्मि कौशल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के दसवें अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव-२०२३, में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ। मुझे उत्कृष्ट काव्य विधा के लिए जो डॉ देवेंद्र शर्मा स्मृति सन्मान मिला,आज इस समान ने मुझे फिर से लिखने के लिए प्रेरित किया है |

आठ पुस्तकों के बावजूद साहित्यकारों के बीच मेरी कोई पहचान नहीं है, लेकिन आज मैंने यहाँ पूर्व रक्षा सचिव और मुख्य अतिथि श्री योगेन्द्र नारायण से सुना, साहित्यकार जो एक बार बन गया, वो जीवन पर्यंत साहित्यकार ही रहता है, उसके नाम के आगे पूर्व नहीं लगता | किसी अन्य सज्जन ने कहा - सम्मान एक जिम्मेवारी होती है, जिसे हम उत्थान के लिए आगे लेकर चलते हैं | इन बातों का मुझ पर सकारात्मक प्रभाव हुआ है | मुझे अपनी जिम्मेवारियों का अनुभव हुआ है |। श्री विजय प्रशांत ने प्रथम सत्र के अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

भोजन अवकाश के उपरांत दूसरे सत्र की अध्यक्षता अट्टहास हास्य व्यंग्य मासिक के सम्पादक अनूप जी ने की। इसमें अनेक कवियों / कवयित्रियों तथा मंचस्थ अतिथियों ने सुन्दर काव्य पाठ किया। इस अवसर पर तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, उप्र, दिल्ली, हरियाणा के सम्मानित साहित्यकारों ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए।

दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शारदा मदरा ने द्वितीय सत्र में उपस्थित समस्त अतिथियों तथा आगंतुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया | मंच का सञ्चालन डॉ. पुष्पा जोशी ने किया। एक उल्लासपूर्ण वातावरण में यह समारोह संपन्न हुआ |यह संस्था गत नौ वर्षों से हिंदी साहित्य सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु देश भर से चयनित साहित्यकारों को इसी प्रकार सम्मानित करती चली आ रही है |


Published: 25-11-2023

Media4Citizen Logo     www.media4citizen.com
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल