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आजादी के लिए कुर्बान हुए शहीदों की शहादत बेच, देश में आजादी का अमृत महोत्सव :  हरपाल राणा

देश के नागरिकों, विशेष तौर से युवाओं को देश की स्वतंत्रता का इतिहास की सच्ची जानकारी हो सके और इससे प्रेरणा लेकर वह भी देश और समाज के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित हो सकें। राणा ने कहा जब तक सरकार यह शुल्क समाप्त नहीं करती वह शंघर्ष जारी रखेंगे।

 हरपाल राणा  हरपाल राणा
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यू पी इन्फो

अंडमान निकोबार , 13-05-2023


अंडमान निकोबार की सेल्यूलर जेल (काला पानी) में आज़ादी के लिए कुर्बान हुए शहीदों की कुर्बानी की दास्तान को सुनने के लिए पर्यटकों से तीन सौ रूपये का टिकट शुल्क को हटवाने के लिए शहीद सम्मान अभियान दिल्ली के संयोजक चौधरी हरपाल सिंह राणा द्वारा शुक्रवार 12 मई से सेल्यूलर जेल पर अनशन करने की घोषणा की थी। लेकिन अंडमान निकोबार में कई दिन से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई है। बता दें कि अनशन के लिए दिल्ली से अंडमान निकोबार की सेल्यूलर जेल पहुंचें, लेकिन मौका चक्रवात और तेज बारिश के कारण वह अनशन नहीं  राणा ने बकर सके. राणा ने बताया उन्होंने 4 मई को अनशन की सुकृति लेने के लिए डीजीपी अंडमान निकोबार को लिखा गया था, जिसकी अभी सुकृति भी विचाराधीन है।
उन्होंने कहा देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन सेल्यूलर जेल में अधिकारियों, कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए शहीदों की कुर्बानी को सुनने के शुल्क को बढ़ाकर तीन सौ करके उन शहीदों के बलिदान को बेचा जा रहा है जिन्होंने आज़ाद भारत का सपना देखा था. और आज आज़ाद भारत में ही उनके बलिदान को बेचा जा रहा है. जहां हजारों सच्चे देशभक्त, क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानियों को भूखे, प्यासे, रखकर घोर यातनाएं दी गई हो, जिस जेल में हजारों क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी हो, क्या उस जेल में कुछ अधिकारी कर्मचारियों की तनख्वाह सरकार नहीं दे सकती ? सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह सेल्यूलर जेल के अधिकारियों कर्मचारियों की न सिर्फ तनख्वाह दें, बल्कि सेल्यूलर जेल में आने वाले पर्यटकों के लिए अनेकों प्रकार की सुविधा भी उपलब्ध कराएं। जिससे देश के नागरिकों, विशेष तौर से युवाओं को देश की स्वतंत्रता का इतिहास की सच्ची जानकारी हो सके और इससे प्रेरणा लेकर वह भी देश और समाज के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित हो सकें। राणा ने कहा जब तक सरकार यह शुल्क समाप्त नहीं करती वह शंघर्ष जारी रखेंगे।

Published: 13-05-2023

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