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लोक को सचेत करने और तंत्र को लोक सेवी दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा :  साहित्य ही दे सकता है

छंदशास्त्री, समीक्षक, संपादक आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' ने सम्मान ग्रहण करने के बाद मंच को संबोधित करते हुए कहा कि "साहित्यकार का सामाजिक दायित्व बोध वर्तमान संक्रमण काल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है.

 साहित्य ही दे सकता है
 साहित्य ही दे सकता है

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के साहित्योत्सव में सर्वोच्च भारतेंदु हरिश्चंद्र अलंकरण से अलंकृत किए गए छंदशास्त्री, समीक्षक, संपादक आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल ने सम्मान ग्रहण करने के बाद मंच को संबोधित करते हुए आचार्य संजीव वर्मा‘सलिल’ ने कहा कि "साहित्यकार का सामाजिक दायित्व बोध वर्तमान संक्रमण काल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. लोक को सचेत कर सजग बनाने और तंत्र को लोक सेवी दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा साहित्य ही दे सकता है. आगामी विश्व युद्ध जल को लेकर होना संभावित है. जल का संचयन, संरक्षण, संवर्धन तथा शुद्धिकरण आज की महती जरूरत है. भारत ही एकमात्र देश है जहाँ नदी को जलस्रोत नहीं माँ माना गया है. सनातन सलिला नर्मदा की शुभकामना है कि यमुना की लहरें निर्मल रहें.''

ज्ञात हो कि युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच ने अपना 9वाँ अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव तथा सम्मान समारोह 27 नवम्बर 2022 (रविवार ) को, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी,दिल्ली -6 स्थित गीतांजलि हॉल में आयोजित किया गया. प्रो.विश्वंभर शुक्ल की अध्यक्षता और प्रमुख भवन निर्माता ,समाज सेवी और साहित्यकार श्री बी.एल. गौड़ के मुख्य आतिथ्य एवं डॉ अशोक मैत्रेय, प्रमुख अतिथि डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता(पूर्व आईएएस ) विशिष्ट अतिथि और अमेरिका से पधारी डॉ अनीता कपूर, विशिष्ट अतिथि की गरिमामयी उपस्थिति में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. सुबह दस बजे से सायं सात बजे तक नो घंटे लम्बे चले इस कार्यक्रम में देश के कोने –कोने से साहित्यकार उपस्थित हुए युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के अधिकांश पदाधिकारियों के साथ इन्द्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल के अध्यक्ष श्री चंद्रमणि ब्रह्मदत्त और ट्रू मीडिया के प्रधान सम्पादक श्री ओम प्रकाश प्रजापति भी उपस्थित हुए.

कार्यक्रम का शुभारम्भ सुश्री शारदा मदरा द्वारा सरस्वती वंदना एवं सुश्री मिलन सिंह द्वारा मंच के गीत - गायन से आरंभ हुआ. मंचस्थ अतिथियों का शाल, पुष्पहार और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया. तत्पश्चात युवा उत्कर्ष साहित्यक मंच के राष्ट्रीय महासचिव श्री ओम प्रकाश शुक्ल ने संस्था का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मंच द्वारा किये जा रहे का उल्लेख किया और गत वर्ष की कार्यवाही के अनुमोदन की प्रार्थना की जिसे सदन ने करतल ध्वनि ने पारित कर दिया. राष्ट्रीय महासचिव द्वारा संस्था के वार्षिक प्रतिवेदन के बाद मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य -सृजन कोई भौतिक या यांत्रिक प्रक्रिया नहीं है कि आप लेखनी उठाये और एक जीती जागतीकविता, लेख, व्यंग्य या कहानी कागज़ या कम्प्यूटर पर उतर जाए. साहित्य -सृजन एक देवदुर्लभ गुण जो सभी को प्राप्त नही होता है. साहित्य संस्कृति की एक ऐसी अजर -अमर भाव-धारा है जो मानवमात्र को आनंद की अनुभूति के सागर में डुबोकर स्वयं को स्वयं से साक्षात्कार कराती है तो वहीँ पल –पल घट रहे सामाजिक ,आर्थिक और राजनैतिक परिवर्तन और वैश्विक चिंतन से प्रभावित अनुभूतिजन्य कटुयथार्थ को कल्पनाशीलता, रस, शिल्प, अलंकार और शब्द-शक्ति के अद्भुत रासायनिक संयोग से मानव और समाज की विकृतियों को समाज के सामने ज्यों का त्यों रखती हुई समाज की नब्ज़ को टटोलती हुई आने वाले समय की पूर्व चेतावनी देती है. युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच का अपने गठन –काल से ही इस परम पुनीत उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु हर आयु के नवरचनाकारों को साहित्य सृजनके प्रति ईमानदार,सजग और सचेत कर रहा है तथा भविष्य में ऐसा करते रहने के प्रति संकल्पित भी है लेकिन यह मंच काव्य –सृजन के कार्य तक ही संतुष्ट नहीं हुआ, अपितु इसने हिंदी साहित्य सभी विधाओं में लेखन को प्रोत्साहित करने का बीड़ा उठाया है. आज यह मंच बाल साहित्य, व्यंग्य, कथा, कविता, लघुकथा और आलोचना के क्षेत्र में उत्कृष्ट साहित्य सृजन को सम्मानित कर प्रोत्साहन प्रदान कर रहा हैं.

समारोह की श्रंखला में ग्यारह साहित्यकारों की नवसृजित कृतियों का लोकार्पण हुआ जिसमें प्रमुख रूप से उल्लेखनीय है, डॉ रमा द्विवेदी का लघुकथा संग्रह ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ” विजय प्रशांत का काव्य संग्रह ‘स्वस्ति पथ’, पूनम झा की काव्य पुस्तिका ‘वक्त की परछाइयाँ’, आशु शर्मा कृत ‘यादों की धूप’, प्रो.विश्व्मभर शुक्ल की ‘बन्दे भारत मातरम’, डॉ संजीव चौधरी का ‘दो बटा शून्य’ (उपन्यास ), राजेश सिंह की कृति ‘कविता के फूल’, सुधा मिश्र की पंखुड़ियाँ, विवेक आस्तिक की बाल कविता कृति ‘छपी पत्रिका तोते की’ और दीपक गोस्वामी की बाल रामायण उल्लेखनीय है. इस अवसर पर ‘ट्रू मीडिया’ के सद्य प्रकाशित सौवें विशेषांक का भी लोकार्पण हुआ. सभी रचनाकारों ने उपस्थित आगंतुकों को अपनी –अपनी लोकार्पित कृति का संक्षिप्त परिचय भी दिया.

गत आठ वर्षों से यह मंच हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में उल्लेखनीय लेखन करने वालों को सम्मानित करता आ रहा है. इस वर्ष भी इन महत्वपूर्ण सम्मानों की श्रृंखला में वर्ष 2022 का शिखर सम्मान ख्यात साहित्यकार आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' (जबलपुर मध्यप्रदेश), महादेवी वर्मा शीर्षस्थ सम्मान (महिला वर्ग) (पुरस्कार) श्रीमती विनीता शर्मा (हैदराबाद), डी.पी. चतुर्वेदी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड- श्री सुरेश पाल वर्मा जसाला, (दिल्ली),अमीर खुसरो शीर्षस्थ सम्मान (युवा वर्ग) - सुश्री वसुधा कनुप्रिया (दिल्ली), ‘सुलगता मौन’ (कथा संग्रह ) के लिए मुंशी प्रेमचंद कथाकार सम्मान श्री विजय जोशी (कोटा,राजस्थान ), “परनिंदा सम रस कहूँ नांहि “ (व्यंग्य संग्रह) के लिए हरिशंकर परसाई व्यंग्यकार सम्मान श्री आत्माराम भाटी (बीकानेर,राजस्थान, बुधिया लेता टोह” (गीत /नवगीत संग्रह )के लिए श्रीमती कमलेश प्रशांत स्मृति गीतकार सम्मान श्री बसंत कुमार शर्मा (धौलपुर,राजस्थान),“कोई गीत सुनाओ ना” (बालकविता संग्रह )के लिए बाल साहित्य सम्मान (काव्य)श्रीमती श्यामा शर्मा (कोटा,राजस्थान ) -“संतू जाग गया” (बालकथा -संग्रह ) के लिए बाल साहित्य सम्मान (कहानी) डा. मृदुला शुक्ला 'मृदु' (लखीमपुर खीरी,उत्तर प्रदेश) “मेरे भीतर आप” (कविता संग्रह ) के लिए विष्णु पराड़कर गैर हिंदी भाषी साहित्यकार सम्मान श्रीमती सुनीता लुल्ला (हैदराबाद,तेलंगाना ),) “आनंदी’’ (उपन्यास) के लिए राम अजोर शुक्ल स्मृति नवलेखन सम्मान श्रीमती मीनाक्षी मिश्रा (गुरुग्राम ,हरियाणा ),त्रिभवन कौल स्मृति सशक्त लेखनी सम्मान श्रीमती सुधा मिश्रा (कोलकाता,प.बंगाल )तथा गणेशशंकर विद्यार्थी श्रेष्ठ पत्रकारिता सम्मान श्री रजनीश त्रिवेदी (देहरादून ,उत्तराखंड) को प्रदान किया गया | सभी पुरस्कृत साहित्यकारों को पुरस्कार-राशि के साथ स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र एवं सम्मान-पत्र भी प्रदान किया गया. इस अवसर पर मंच की मीडिया पार्टनर ट्रू मीडिया की ओर से ओम प्रकाश प्रजापति, मुख्य संपादक – ने छ : “ वरिष्ठ साहित्यकारों /समाजसेवियों को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सर्व श्री अश्विनी कुमार (चंडीगढ़ ), भारतभूषण शर्मा (मेरठ ,उत्तर प्रदेश ), राजेश सिंह ‘श्रेयस’, (लखनऊ ,उत्तर प्रदेश ),मनोज मिश्रा कप्तान (दिल्ल्ली ), सुश्री शशि पाण्डेय (दिल्ली ) एवं सुश्री मीरा शलभ (गाज़ियाबाद ,उ.प्र.) को भी सम्मानित किया गया.

अमेरिका से आई विशिष्ट अतिथि डॉ. अनीता कपूर ने मंच के द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की. अमेरिका में अपनी संस्था के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे यहाँ आकर अच्छा लग रहा है क्योंकि हिंदी हम सभी को जोड़े हुए है. ग्यारह पुस्तकों को मंच से एक साथ लोकार्पण को अभूतपूर्व बताते कहा कि यह साहित्यकारों की युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के प्रति बढ़ते हुए विश्वास का प्रतीक है. इस अवसर पर उन्होंने कविता का पाठ भी किया. विशिष्ट अतिथि डॉ .विनोद प्रकाश गुप्ता (पूर्व आईएएस ) एवं मुख्य अतिथि डॉ बी.एल. गौड़ ने भी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यक्रम भव्य है और ग्यारह साहित्यकारों की पुस्तकों का एक मंच से एक साथ लोकार्पण कराकर मंच ने एक कीर्तिमान स्थापित किया. इसके लिए उन्होंने बहुत बहुत बधाई एवम आमंत्रित करने के धन्यवाद किया. प्रमुख अतिथि डॉ अशोक मैत्रेय ने इस अवसर पर कहा कि संस्था के द्वारा साहित्य सेवा की दिशा में किये जा रहे उल्लेखनीय कार्य की सराहना करते हुए साहित्यकारों को साहित्य सृजन के समक्ष चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया. समारोह के अध्यक्षता कर रहे प्रो. विश्वंभर शुक्ल ने कहा कि सृजन के आकाश अनंत है. जरूरी नहीं कि हम प्रेम गीत लिखें. आज नवगीत का आन्दोलन चल रहा है. नवगीत में खुरदरेपन का उल्लेख करते हुए कहा कि छंदमुक्त का दम टूट रहा हालाँकि अभी भी बहुत अच्छी रचनाएँ लिखी जा रहीं हैं.

सम्मान समारोह के बाद चार घंटे तक काव्य की सरिता बही जिसमें देश के उत्तर से दक्षिण से आये अनेक कवियों –डॉ रमा द्विवेदी (हैदराबाद ), डॉ देव नारायण शर्मा, विजय प्रशांत, डॉ.पवन विजय ,डॉ पुष्पा जोशी सुश्री शारदा मदरा, सुश्री सुधा मिश्रा (कोलकाता), अश्विनी कुमार, राजेश सिंह ‘श्रेयस”, विवेक बाजपुरी, विवेक आस्तिक, श्वेताभ पाठक, मंजु वशिष्ठ, वीणा तंवर, निखिल गिरि, मिनाक्षी मिश्रा, मनोज मिश्र कप्तान, सूक्ष्मलता महाजन, राजेंद्र महाजन, आकाश यादव, रामकिशोर उपाध्याय, सुरेश पाल वर्मा जसाला, डॉ बृजपाल पाल संत, प्रो विश्वंभर शुक्ल, मिलन सिंह, भारती सिंह, बसंत कुमार शर्मा, विजय कुमार जोशी, श्यामा शर्मा, शशि पाण्डेय आदि ने सुमधुर काव्यपाठ किया.

कार्यक्रम का संचालन डॉ.पुष्पा जोशी ने बड़े ही सधे हुए अंदाज में किया. संचालन में उनका डॉ. पवन विजय ने सहयोग किया. काव्यपाठ के सत्र का सञ्चालन सुश्री शशि पाण्डेय ने अपने मोहक अंदाज में किया. श्री हीरा लाल गुप्ता के नेतृत्व में खिलाडी सेना के सदस्यों ने कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण योगदान किया. दिल्ली की अध्यक्ष सुश्री शारदा मदरा ने आये हुए समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया.

 


Published: 02-12-2022

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