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दो दिवसीय कार्यशाला : युवाओं ने सीखा फिल्म बनाने का कौशल

स्वतंत्रता के बाद देश के निर्माण में भारतीय सिनेमा की जो भूमिका होनी चाहिए थी, वह सिर्फ मनोरंजन तक ही सीमित रह गई. देश विरोधी शक्तियों ने सिनेमा के माध्यम से भारत की संस्कृति और परम्पराओं को विकृत करने का षड्यंत्र किया है, इसे समझने की आवश्यकता है.

युवाओं ने सीखा फिल्म बनाने का कौशल
युवाओं ने सीखा फिल्म बनाने का कौशल

स्वतंत्रता के बाद देश के निर्माण में भारतीय सिनेमा की जो भूमिका होनी चाहिए थी, वह सिर्फ मनोरंजन तक ही सीमित रह गई. देश विरोधी शक्तियों ने सिनेमा के माध्यम से भारत की संस्कृति और परम्पराओं को विकृत करने का षड्यंत्र किया है, इसे समझने की आवश्यकता है. हमें ऐसा राष्ट्रीय और संस्कारक्षम सिनेमा बनाना होगा, जो युवा पीढ़ी को प्रेरित कर सकें, यही भारतीय चित्र साधना का लक्ष्य है.

उक्त बातें मुख्य अतिथि भारतीय चित्र साधना के अखिल भारतीय सचिव श्री अतुल गंगवार जी ने सरस्वती कुंज, निराला नगर आयोजित दो दिवसीय फिल्म कार्यशाला के उदघाटन समारोह में कही. यह कायर्शाला भारतीय चित्र साधना और प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र ने संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसका आज समापन हो गया है.

प्रशिक्षण सत्र के पहले दिन प्रथम सत्र में महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के प्राध्यापक डॉ. यशार्थ मंजुल ने फिल्म प्रोडक्शन के आइडिया से फाइनल प्रोडक्ट के निर्माण तक, तमाम विषयों पर प्रशिक्षार्थियों के साथ चर्चा की. द्वितीय सत्र में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रोफेसर डॉ. गोविंद जी पांडेय ने फिल्म की ग्रामर (कैमरे की तकनीक व शॉट्स, शूटिंग का फॉर्मेट आदि) पर व्याख्यान दिया. तृतीय सत्र में लखनऊ के प्रसिद्ध रंगकर्मी ललित सिंह पोखरिया ने रंगमंच और अभिनय से संबन्धित सभी विषयों पर चर्चा की. वहीं, श्रीमान अतुल गंगवार जी ने सभी प्रशिक्षणार्थियों के साथ पहले दिन सम्पन्न सभी सत्रों को लेकर परिचर्चा की.

प्रशिक्षण सत्र के दूसरे दिन प्रथम सत्र में डॉ. यशार्थ मंजुल ने स्क्रिप्ट लेखन का प्रशिक्षण दिया. साथ ही छात्रों द्वारा स्क्रिप्ट भी तैयार की गई. युवा फिल्मकारों को एक नॉवेल पर आधारित एक चर्चित फिल्म दिखाई गई, साथ ही उस फिल्म से जुड़े सभी तत्वों पर संक्षिप्त चर्चा की गई. द्वितीय सत्र में प्रोफेसर गोविंद जी पांडेय द्वारा फिल्म एडिटिंग और ध्वनि के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया. तीसरे सत्र में प्रेक्टिकल अभ्यास किया गया, जिसमें डॉ. यशार्थ मंजुल जी द्वारा फिल्म शूटिंग और एडिटिंग जैसे फिल्म निर्माण से जुड़ी तमाम गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण के समापन सत्र में श्रीमान अतुल गंगवार जी द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण पर छात्रों के साथ मंथन किया गया.

इससे पहले 24 सितम्बर, 2022 को मुख्य अतिथि श्री अतुल गंगवार जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र सिंह जी, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री सौरभ मिश्रा जी और अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दूबे ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर फिल्म कार्यशाला का शुभारंभ किया. कार्यशाला की भूमिका अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दूबे जी ने रखी. कार्यक्रम की प्रस्ताविकी भारतेन्दु नाट्य अकादमी के पूर्व निदेशक और कार्यशाला के संयोजक श्रीमान अरुण कुमार त्रिवेदी जी ने कराया. इस फिल्म कार्यशाला में लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर आदि से लगभग युवा फिल्मकार और प्रोफेसर सहित कई लोग शामिल हुए.




Published: 25-09-2022

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