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लंपी वायरस का कहर : लील लीं हजारों गायों-भैसों की जान, यूपी में योगी सरकार की 'लंबी घेराबंदी'

कोरोना के चलते अब देशभर में लंपी वायरस ने भी अपने पैर पसार लिए हैं. एक महीने से भारत में लम्पी वायरस का कहर दिख रहा है. राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली से लेकर पंजाब तक, लंपी वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. मध्य प्रदेश के इंदौर में भी लंपी स्किन डिजीज के लक्षण पशुओं में मिल रहे है. सबसे ज्यादा खराब हालत राजस्थान की है जहां 10 लाख से ज्यादा मवेशी संक्रमित हो चुके हैं. राजस्थान में अब तक लंपी वायरस से 45 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी हैं.

लील लीं हजारों गायों-भैसों की जान, यूपी में योगी सरकार की 'लंबी घेराबंदी'
लील लीं हजारों गायों-भैसों की जान, यूपी में योगी सरकार की 'लंबी घेराबंदी'

हमारे देश में गौ माता को अपनी मां का रूप माना जाता है वहीं बैल किसानों का मित्र कहलाता है. इन्हें इन दिनों एक खतरनाक वायरस ने जकड़ लिया है. गौ-वंश और भैंसों में होने वाले इस वायरस को लंपी वायरस कहा जाता है. देशभर में लंपी वायरस के कारण लाखों पशुओं की मृत्यु हो चुकी है. इस स्थिति से कैसे निपटा जाये इसी के समाधान के लिए राजधानी में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर राजेश सिंह चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पशु पालन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान से मुलाकात की और गुहार लगाई कि लंपी के कारण किसानों की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो चुकी है.

यूनियन के अनुसार, “देशभर में 50% से अधिक गोवंश इसकी चपेट में हैं . किसान के पशुधन को बचाने के लिए कोरोना की तर्ज़ पर पशुओं में वैक्सीनेशन कराया जाए. जिन पशुओं की मृत्यु हो चुकी है उन किसानों को पशु बीमा योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाए, पशुओं की नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु पशु संस्थान खोले जाएं, देश में वेटरनरी कॉलेज विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि की जाए.“

उपरोक्त सभी विषयों पर मंत्री डॉक्टर बालियान ने आश्वासन देते हुए कहा कि गोवंश में लंपी की रोकथाम हेतु वैक्सीनेशन का कार्य राज्य सरकारों की सहायता से कराया जा रहा है. साथ ही किसानों के सुझाव पर सरकार काम कर रही है.आपके द्वारा उठाए गए विषयों पर भी सरकार गंभीरता से कार्य करेंगे.”

करीब दो दर्जन राज्यों में लंपी वायरस
गायों में हो रही लंपी नामक स्किन बीमारी से राजस्थान, गुजरात समेत 10 राज्यों में हड़कंप मचा हुआ है. इस वायरस का संक्रमण गाय, भैंस में तेज़ी से फैल रहा है. फिलहाल इससे सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य राजस्थान है. इसे लेकर सभी जुड़े हुए राज्य में भी अलर्ट जारी कर गौपालन एवं पशुधन विभाग की टीमों को लगा दिया गया है. ये एक तरह का इंफेक्शन है, जो एक गाय से दूसरी गाय के संपर्क में आने पर ही फैल रहा है. यह बीमारी साल 2020 में नेपाल, ताइवान, भूटान, वियतनाम और हॉन्कॉन्ग में पहली बार सामने आई थी. इसकी दस्तक भारत में अब मुसीबत बनकर सामने खड़ी है.

क्यों खतरनाक है लंपी वायरस?
लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरस है. यह मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों और टिक्स द्वारा एक पशु के शरीर से दूसरे पशु के शरीर में पहुंचता है. लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आने के साथ ही उनकी भूख कम हो जाती है. इसके अलावा चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं. साथ ही पैरों में सूजन, लंगड़ापन और नर पशु में काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है. कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है.

उत्तर भारत में लंपी वायरस पशुओं में बड़ी तेजी से फैल रहा है. यही वजह है कि विशेषज्ञों और डॉक्टरों की टीम के द्वारा पशु किसानों को गुजरात और राजस्थान से पशु खरीदने को मना कर इस बीमारी से आगाह किया है ताकि यह बीमारी आगे और कहीं पशुओं में फैल न पाए. मध्य प्रदेश में इंदौर के देपालपुर क्षेत्र में पशुओं में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं जिसके बाद पशु किसानों ने अपने पशुओं के उपचार के लिए पशु चिकित्सालय में अपने पशुओं को आइसोलेट करवाया है. फिलहाल वो पशु पूरी तरह से ठीक है लेकिन एहतियातन के तौर पर पशुओं के सैंपल पशु लैब भोपाल भेजे गए हैं.

यूपी में लंपी वायरस की 'लंबी घेराबंदी'
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने लंपी वायरस की ‘लंबी घेराबंदी’ की तैयारियां शुरू कर दी हैं. मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई में सरकार ने पीलीभीत से इटावा तक लगभग 300 किलोमीटर लंबी इम्यून बेल्ट के जरिए लंपी वायरस को घेरने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है.

इन विकास खंडों से होकर गुजरेगी इम्यून बेल्ट
यूपी में लंपी वायरस के ज्यादातर मामले पश्चिमी जिलों में ही सामने आये हैं. इसे देखते हुए योगी सरकार पीलीभीत से लेकर इटावा तक लगभग 300 किलोमीटर की दूरी को 10 किलोमीटर चौड़े इम्युन बेल्ट से कवर करने का प्लान तैयार कर लिया है. ये इम्यून बेल्ट पीलीभीत जिले के बीसलपुर, बरखेड़ा, ललोरीखेड़ा, मरोरी और अमरिया विकास खंड से होते हुए शाहजहांपुर जिले के खुदागंज, निगोही, सिधौली, भावल खेड़ा, कांट, जलालाबाद और मिर्जापुर विकास खंड के रास्ते फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज, शमसाबाद और राजेपुर विकासखंड होते हुए मैनपुरी जिले के कुरावली, सुल्तानगंज और घिरौर विकास खंड तथा इटावा के बढ़पुरा, जसवंतनगर, सैफई, बसरेहर और ताखा विकासखंड तक जाएगी.

जानकारी के मुताबिक, यूपी के 23 जिले लंपी वायरस से प्रभावित हैं. इनमें अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. वहीं मथुरा, बुलंदशहर, बागपत, हापुड, मेरठ, शामली और बिजनौर में भी वायरस तेजी से पांव पसार रहा है. लंपी वायरस के कारण अब तक प्रदेश के 2,331 गांवों के 21,619 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से 199 की मौत हो चुकी है, जबकि 9,834 स्वस्थ हो गये हैं. संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है. इसमें अब तक 5,83,600 गोवंश का टीकाकरण हो चुका है.

इसका प्रभाव यह पड़ा है कि शाहजहांपुर जनपद में लंपी वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जिला प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद हो गया है. गोट पॉक्स वैक्सीन की दस हजार खुराकों की खेप यहां पहुंच गई है. खास यह है कि अन्य जनपदों से पशुओं की यह बीमारी जिले में आने से रोकने के लिए टीकाकरण की शुरुआत जनपद के उन विकास खंडों से की जाएगी, जिनकी सीमाएं पड़ोसी जनपद बरेली, बदायूं से मिलती हैं.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयप्रकाश सिंह ने बताया कि “जिले के पशुओें में अन्य जनपदों से आने वाले पशुओें से संक्रमण रोकने के लिए शासन से गोट पॉक्स वैक्सीन की दस हजार डोज प्राप्त हो गई हैं. गौवंश का टीकाकरण शुरू कर दिया गया है, लेकिन कटरा, खुदागंज, मिर्जापुर, अल्हागंज, भावलखेड़ा आदि ब्लॉकों के गांवों में टीकाकरण पहले किया जायेगा क्योंकि इन ब्लॉकों के कई गांवों की सीमाएं पड़ोसी जनपदों से जुड़ती हैं.”

आपको अवगत करा दें कि पशुओं में लंपी वायरस के संक्रमण के भय से जनपद के कई कस्बों में लगने वाले साप्ताहिक नखासा बाजार नहीं लग रहे हैं. पशुओं की खरीदारी के लिए आसपास के जिलों से तमाम पशुपालक इस नाखासों में आते हैं. गांव पंचौली निवासी पंकज ने बताया वह भैंस बेचने जा रहे थे, लेकिन नखासा नहीं लगने की जानकारी पाकर घर के लिए रास्ते से ही वापस लौट गए.

गौरतलब है कि करीब दस दिन पहले शहर के लोधीपुर और मदनापुर क्षेत्र की दो गायों में लंपी वायरस के लक्षण पाए गए थे. दोनों गायों के शरीर पर कई जगह गांठें उभरने के साथ उन्हें तेज बुखार आया था. दोनों बीमार गायें भी अब सामान्य हो चुकी हैं, लेकिन उनके सीरम, खून और घाव वाले हिस्सों के नमूनों की भोपाल लैब से अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आने से संक्रमण की रोकथाम को पूरी सतर्कता बरती जा रही है. उधर विभागीय अधिकारी इसकी रोकथाम के लिए गांव-गांव पशुपालकों के बीच जागरूकता अभियान चला रहे हैं.


Published: 10-09-2022

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