होटल और अस्पतालों में फायर सेफ्टी के साथ खिलवाड़
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश के बाद शाहजहांपुर जिले में भी होटलों और अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्था की जांच शुरू कर दी गई है. टीम ने संबंधित प्रतिष्ठानों के संचालकों को अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था को दुरूस्त रखने के निर्देश दिए. इसके बाद आनन-फानन में मुख्य अग्निशमन अधिकारी रेहान अली ने सोमवार को 10 होटल और अस्पताल भवनों का निरीक्षण किया. टीम ने होटलों की रसोई, लोगों के निकलने के रास्ते, अग्निशमन यंत्र, पंपिंग सेट समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया. एक होटल को छोड़कर अधिकतर जगहों पर मानक पूरे नहीं मिले.
सीएफओ रेहान अली ने बताया कि शासन के निर्देश पर होटलों व अस्पतालों की जांच शुरू कर दी गई. मंगलवार को भी 11 होटल व पांच अस्पताल चेक किए गए थे. दो दिन से चल रहे अभियान में अधिकतर जगहों पर अग्निशमन यंत्र ठीक नहीं पाए हैं. पंप भी खराब मिला है. मानकों को चेक किया जा रहा. अधिकांश जगहों पर मानक पूरे नहीं हो रहे हैं. होटल संचालकों को मानक पूरे करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. 25 होटल-अस्पतालों को नोटिस भी जारी किये जाएंगे.
लखनऊ में हुए हादसे से शाहजहांपुर प्रशासन भले ही अभी जागा हो लेकिन यहां के हालात बदतर हैं. जिले में बड़े पैमाने पर होटलों का संचालन किया जा रहा. गलियों तक में होटल खोल दिए हैं. बिना एनओसी वाले होटलों पर कार्रवाई तक नहीं की जाती है. मालिक अपने रूतबे की धौंस पर निर्धारित मानकों को पूरा करने से गुरेज करते हैं. जबकि फायर विभाग के पास दर्ज आंकड़ों के मुताबिक जिले में केवल 21 होटल संचालित हैं. अक्सर इन्हीं होटलों की जांच फायर सेफ्टी विभाग करता है. जो होटल दर्ज नहीं हैं वहां पर अग्निशमन के उपाय पर्याप्त नहीं होंगे.
फायर ब्रिगेड के अधिकारी के मुताबिक आग लगने पर घबरा कर इधर-उधर नहीं भागे. इससे स्थिति और भयावह हो जाएगी. जहां कम नुकसान होना चाहिए, वहां अधिक नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है. इस सीजन में आग लगने की संभावनाएं बहुत रहती हैं. इसलिए अपने आसपास के क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था रखें. ताकि आग लगने पर तुरंत उस पर काबू पाया जा सके. इसके अलावा गर्मी के सीजन में एक बार वायरिंग को अवश्य चेक करवा लें. गर्मी के समय विद्युत प्रवाह से तार का तापमान बढ़ जाता है. इससे गलने का भी चांस रहता है. अपने घर में हमेशा अच्छे क्वालिटी का तार का उपयोग करें.
जिला प्रशासन और फायर ब्रिगेड विभाग चाहें कितने दावे करे लेकिन वे हमेशा खोकले ही साबित होते रहे हैं. इससे पहले भी सिर्फ नोटिस तक सीमित कार्रवाई की गईं. मानक को चेक करने के लिए इसी वर्ष जून में भी फायर विभाग ने अभियान चलाया था. तब भी कमियां उजागर हुई थीं. व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे, लेकिन होटल संचालकों ने इनकी एक नहीं सुनी. नोटिस देने के बाद आगे कोई कार्रवाई न होने से होटलों ने अपने इंतजाम पूरे नहीं कराए. ऐसी स्थिति में जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता है. कुछ अस्पताल ऐसी संकरी गलियों में चल रहे हैं, जहां आग लगने की स्थिति में फायरब्रिगेड की गाड़ी तक नहीं पहुंच सकती है.
गौरतलब है कि सोमवार को लखनऊ के एक होटल में आग लग गई थी, जिसमें चार लोगों की जलने से मौत हो गई है. जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोग बुरी तरह से झुलस गए थे और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी जिला प्रशासन को स्थानीय होटल, रेस्त्रां, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए हैं. फायर बिग्रेड की टीम ने तभी से ही शहर के होटल, अस्पताल, रेस्त्रां, स्कूल व कॉलेजों का औचक निरीक्षण शुरू कर दिया. टीम शहर के कई होटलों और प्राइवेट अस्पतालों, कोचिंग सेंटरों पर पहुंची. जहां उन्होंने जायजा लेते हुए संचालकों को अग्निकांड जैसी घटनाओं में क्षति को रोकने के लिए टिप्स भी दिए.