विधानसभा भर्ती घोटाले में कांग्रेसजनों ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला के नेतृत्व में वित्त, शहरी विकास मंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का पुतला फूंका. साथ ही आरोप लगाये कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पूर्व में पहले अपने पुत्र को ग़लत तरीक़े से नौकरी लगाने के बाद अब अपने भांजे सहित अपने पीआरओ के भतीजे, पीए की पत्नी, पार्षद की बहू, पार्षद के भाई सहित ऋषिकेश विधानसभा से ही लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों को ग़लत तरीक़े से नियुक्ति देने का विरोध जताया.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि विधानसभा में 72 पदों की अवैध भर्ती का मामला बहुत ही चिंताजनक है. इसके मास्टरमांइड व हॉकम सिंह पूर्व विधायक प्रत्याशी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल हैं. इन अवैध भर्ती पर जिस प्रकार शहरी विकास मंत्री ने कहा कि ये टेंपररी अरेजमेंट है. तो यह पूर्ण रूप से दर्शाता है कि इस घोटाले में इनकी पूरी संलिप्तता है क्योंकि यह टेंपररी अरेजमेंट हो ही नहीं सकता. टैम्परेरी अरेंजमेंट वाले पदों पर इस तरह की सुविधा नहीं दी जाती. रमोला ने बताया सत्ता के मद इन्होंने उत्तराखण्ड विधानसभा को अपने नातेदारों रिस्तेदारों के विस्थापन का क्षेत्र बना दिया जहां सिर्फ इनके बीवी बच्चे या इनके चहेतों का विस्थापन किया जा रहा है जोकि पूरी तरह से लोकतंत्र से साथ खिलवाड़ है.
रमोला ने कहा कि इस भर्ती के लिये एक साधारण हाथ से लिखे प्रार्थना पत्र पर नियुक्तियाँ देना असंवैधानिक है जोकि बड़ी जॉंच का विषय है. हम राज्यपाल महोदय से माँग करते हैं कि इस पूरे मामले मे सीबीआई की जांच करवायें और तब तक वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को बर्खास्त किया जाये. महानगर कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि प्रदेश में लगातार एक के बाद एक घोटालों का पुलिंदा खुल रहा है और यूपीएससी भर्ती घोटाले के बाद अब विधानसभा में भर्ती का घोटाला सामने आ गया है. जहॉं एक ओर उत्तर प्रदेश जैसी बड़ी विधानसभा में इतनी भर्तियां नही है जितनी यहां की गई है. कहीं ना कहीं ये यह पूर्णतः दर्शाता है कि इन घोटालों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व मंत्री की भागीदारी रही है. हम मुख्यमंत्री से माँग करते हैं कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
पार्षद राकेश सिंह ने कहा की शहरी विकास मंत्री ने पहले अपने बेटे और अब अपने भांजे को नौकरी देने का काम किया. इन्होंने बीजेपी के भी किसी पन्ना प्रमुख या बूथ के योग्य कार्यकर्ता को भी इन नियुक्तियों के योग्य नहीं समझा इससे यह ज़ाहिर होता है कि मंत्री परिवारवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. जहॉं एक ओर मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल बयान देते हैं कि ये विधानसभा अध्यक्ष का विवेकाधिकार है तो ये आर्टिकल 16 के तहत ग़लत है कि किसी को पीछे के दरवाज़े से नौकरी दी जाय.
कार्यक्रम में प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, पार्षद भगवान सिंह पंवार, पार्षद देवेंद्र प्रजापति पार्षद शकुन्तला शर्मा, प्रदेश सचिव विवेक तिवारी, कपिल शर्मा, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव राणा, दौलत सिंह चौहान, चंदन सिंह पंवार, वैसाख सिंह पयाल, राजेन्द्र कोठारी, अशोक शर्मा, धर्मेन्द्र गुलियाल, मधु जोशी, उमा ओबरॉय, सावित्री देवी, राजेंद्र कोठारी, जगजीत सिंह, हरि राम वर्मा, मुकेश जाटव, जतिन जाटव, बृज भूषण बहुगुणा, प्रवीन जाटव, मनोज त्यागी, तरूण त्यागी, अजय दास, हिमांशु जाटव, हिमांशु कश्यप, कार्तिक, आशीष, हर्ष कश्यप, ईशु चौहान, राकेश वर्मा, कमल बनर्जी, देव बोहरा, राजेश शाह, अजय दास, जितेन्द्र पाल पाठी, किशनपाल, प्रवीन गर्ग, जयपाल सिंह, पुरंजय राजभर, वीर बहादुर, अजय पंवार, अमन झा, शिवम् प्रजापति, प्रिंस सक्सेना, रमन अरोड़ा, आदित्य झा, राजेश साह, इमरान सैफी, गौरव यादव, आदि मौजूद रहे.