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फ़िल्म 'पद्मकौमुदी' का प्रदर्शन : सिद्धेश्वरी देवी और कौमुदी बेन को सुनेंगे संगीत रसिक

मार्ग फिल्म्स के निदेशक समीरन बनर्जी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गौतम चटर्जी निर्देशित 1 घंटे 21 मिनट की इस फ़िल्म में कौमुदी बेन की पट शिष्या विदुषी सुरुचि मोहता ने विशेष भूमिका निभाई है. इसमें सिद्धेश्वरी देवी की काशी की ठुमरी परंपरा का विस्तार हुआ है. फ़िल्म में सुपरिचित गायिका अश्विनी भिडे देशपांडे और वरिष्ठ वंशी कलाकार पंडित रोनू मजूमदार की उपस्थिति प्रमुख है.

सिद्धेश्वरी देवी और कौमुदी बेन को सुनेंगे संगीत रसिक
सिद्धेश्वरी देवी और कौमुदी बेन को सुनेंगे संगीत रसिक

सुप्रसिद्ध ठुमरी साम्राज्ञी सिद्धेश्वरी देवी की विदुषी शिष्या कौमुदी बेन मुंशी पर बनी फिल्म 'पद्मकौमुदी' का प्रदर्शन इसी माह बनारस समेत देश भर में होने जा रहा है. 81 मिनट की इस फ़िल्म के प्रदर्शन से न सिर्फ काशी समेत देश के संगीत रसिक कौमुदी मुंशी की अद्वितीय प्रतिभा से पूरी तरह परिचित हो सकेंगे बल्कि काशी की संगीत परंपरा के इस सोपान का भी संग्रह हो सकेगा.

'गुजरात कोकिला' नाम से सुपरिचित कौमुदी बेन का जन्म 1929 में हुआ था. 1951 तक वे बनारस में ही रहीं और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी कर वे मुम्बई चली गयी. सारा जीवन उनका वहीं संगीत सेवा में बीता. उनका पहला रिकॉर्ड 1953 में आया. वहां से बनारस आकर वे सिद्धेश्वरी देवी के पास रहकर गायन सीखतीं. लता मंगेशकर, मन्ना डे और सी एच आत्मा के साथ भी उन्होंने पार्श्वगायन किया. उन्हें नाइटेंगल ऑफ गुजरात की उपाधि मिली थी. 91 वर्ष की उम्र में 2020 में उनका देहांत मुम्बई में हुआ.

मार्ग फिल्म्स के निदेशक समीरन बनर्जी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गौतम चटर्जी निर्देशित 1 घंटे 21 मिनट की इस फ़िल्म में कौमुदी बेन की पट शिष्या विदुषी सुरुचि मोहता ने विशेष भूमिका निभाई है. इसमें सिद्धेश्वरी देवी की काशी की ठुमरी परंपरा का विस्तार हुआ है. फ़िल्म में सुपरिचित गायिका अश्विनी भिडे देशपांडे और वरिष्ठ वंशी कलाकार पंडित रोनू मजूमदार की उपस्थिति प्रमुख है. फ़िल्म में काशी की ठुमरी परंपरा की तीनों पीढ़ियों का संगम है. फ़िल्म का प्रदर्शन इसी माह से वर्ष भर पूरे देश मे किया जा रहा है. प्रथम प्रदर्शन में देश के शीर्षस्थ कलाकार श्रोता रूप में जुटेंगे जिनमे वरिष्ठ गायिका डॉ प्रभा अत्रे प्रमुख हैं. फ़िल्म की स्क्रिप्ट और सिनेमैटोग्राफी भी गौतम चटर्जी की है. शूटिंग बनारस, मुम्बई, अहमदनगर और एलोरा की गुफाओं में हुई है.


Published: 02-08-2022

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