सनातन संस्कृति को मिली ग्लोबल पहचान
ऋषिकेश महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि संत समागम में सम्मलित होने से ही सत्यपथ पर चलने की प्रेरणा मिलती है. सनातन संस्कृति को जानने समझने के लिए संतों के अमृतरूपी प्रवचनों को श्रवण करने का मौका कभी नही चूकना चाहिए.
उक्त विचार महापौर ने आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर मानस कथाकार संत मुरलीधर के श्रीमुख से हो रही मासिक मानस कथा का प्रवचन सुनने से पूर्व व्यक्त किए. धार्मिक उत्सव की पूर्णाहुति पर शिरकत के लिए पहुंची महापौर ने विश्व विख्यात कथा वाचक संत मुरलीधर व परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से आर्शीवाद लिया. इस अवसर उन्होंने कहा कि परमार्थ अध्यक्ष ने गौ, गंगा, गायत्री के साथ योग की पताका पूरे विश्व में फहराने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मानस कथा की पूर्णाहुति नहीं बल्कि संकल्पों का शुभारम्भ है. इस मौके पर उन्होंने परमार्थ अध्यक्ष को आगामी योग महोत्सव की अग्रीम शुभकामनाएं भी दी. इस दौरान मौके पर साध्वी भगवती, राजकुमारी जुगलान, विजय बडोनी, विजय लक्ष्मी भट्ट, सीमा शर्मा, सुजीत यादव, असर्फी रणावत, रेखा सजवान, गौरव केंतुला मौजूद रहे.