बलजीत कौर पहली पर्वतारोही बनीं
बलजीत और मिंगमा ने इस दौरान 28 अप्रैल को माउंट अन्नपूर्णा प्रथम जिसकी उचाई 8091 मीटर, 12 मई को माउंट कंचनजंगा 8586 मीटर और 21 मई को माउंट एवरेस्ट 8849 मीटर, माउंट धौलागिरी 8,167 मीटर की चढ़ाई कर दुनिया की चौथी सबसे ऊंचे पर्वत माउंट ल्होत्से पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की.
दिल्ली में 8 जून को आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली मीडिया एसोसिएशन द्वारा पर्वतारोही बलजीत कौर और उनके गाइड मिंगमा शेरपा को सम्मानित किया गया. हिमाचल प्रदेश के सोलन की रहने वाली बलजीत कौर ने गत 22 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल की है. इसके लिए एक महीने से भी कम समय में एवरेस्ट श्रृंखला में आठ हजार मीटर की ऊंचाई वाली चार पर्वत चोटियों को फतह करने वाली भारत सहित एशिया की पहली पर्वतारोही बनीं और इसमें उनके गाइड मिंगमा शेरपा शामिल रहे.
बलजीत बताती है, कि एक कठिन ट्रेनिंग के बाद यह मुमकिन हो पाया है जिसमे उनके परिवार ने भी उन्हें बहुत सपोर्ट किया. इसके लिए वह खुदको सौभाग्यशाली मानती है. उन्होंने बताया की पर्वतारोहियों को ऐसे करने के लिए कई लाखो का खर्च उठाना पड़ता है जिसके लिए उन्हें बेहद कठिनाइयों के बाद मदद मिल पाई. कई मोमेंट्स को साझा करते हुए बलजीत ने बताया कि एवरेस्ट सहित सभी चोटियों से धरती का नज़ारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है. तापमान माइनस से भी कई कम और ऑक्सीजन की भारी कमी, मौसम और परिस्थिति को बेहद जटिल और मनोबल तोड़ने वाली बना देती है. बलजीत बताती है ऐसे में भी वे अपने मन पसन्द आलू के पराठे बनाकर खाना पसंद करती थी. जबकि अमूमन पर्वतारोही सूखे मेवे या सरल कुछ खाने का सोचा करते है. बचपन से सभी प्रकार के खेलों में अव्वल होना ही आज उनके लिए मददगार साबित हो रहा है. मिंगमा ने बताया कि वह जल्द लेह की पर्वत श्रृंखला पर चढ़ाई की योजना बना चुके है. बलजीत ने इस रिकॉर्ड से आगे के लिए अभी कोई योजना नहीं बनाई है.
इस अवसर पर दिल्ली मीडिया एसोसिएशन से अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा और श्रीमत शर्मा, सुमन सिसोदिया, उपाध्यक्ष डॉ बी आर चौहान, योगेश शर्मा, महासचिव विनोद जोशी, हिमांशु पात्रा, सचिव अर्जुन सिंह, प्रोफेसर और डीन ए के सेनगुप्ता, प्रो डी के गिरी आदि शामिल रहे.