गंगा का दुग्धाभिषेक, विशेष गंगा आरती
मां गंगा के अवतरण दिवस के अवसर पर कैबिनेट मंत्री व स्थानीय विधायक श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गंगा का दुग्धाभिषेक कर विशेष गंगा आरती (सवा लाख बत्तियों) की. इस मौके पर उन्होंने माँ गंगा को साफ और उसकी पवित्रता को बनाये रखने का आवाहन भी किया. गुरुवार को त्रिवेणी घाट पर पंडित श्री वेद प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में गंगा अवतरण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मां गंगा के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. माँ गंगा आज ही दिन राजा भगीरथ के विशेष प्रयास से धरती पर अवतरित हुई.
गंगा दशहरा पर पवित्र गंगा नदी में ही स्नान करने का महत्व होता है. आज के दिन हाथ पंखा, तेल-घी, अन्न-फल, पूजा और सुहाग सामग्री, सत्तू, मटका या घड़ा, शक्कर व नमक आदि का दान करने पर माँ गंगा की विशेष कृपा होती है. श्री अग्रवाल ने कहा कि गंगा ने भक्तों के उद्धार के लिए धरती पर आना स्वीकार किया. माँ गंगा का निर्मल जल सदियों से बहता है, हमें इसके महत्व को समझना होगा. गंगा नदी के आसपास कोई भी मांस मदिरा का प्रयोग नहीं करने के लिए हमें जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए. इस मौके पर उन्होंने माँ गंगा को साफ और उसकी पवित्रता को बनाये रखने का आह्वान भी किया.
श्री अग्रवाल ने त्रिवेणी घाट पर देश और प्रदेश की खुशहाली की भी कामना की. इसके अलावा चार धाम यात्रा के सफल संचालन का आशीर्वाद भी मांगा. इस मौके पर मेयर अनिता ममगाई, जगतगुरु कृष्णाचार्य महाराज, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पार्षद शिव कुमार गौतम, पार्षद रीना शर्मा, रवि शास्त्री, सुमित पंवार, प्रदीप कोहली, अनिता तिवाड़ी, उषा जोशी, सौरभ गर्ग आदि मौजूद रहे.
अलग-अलग राज्यों से भारी मात्रा में श्रद्धालुओं के ऋषिकेश पहुंचने को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है. सुबह 4:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक ऋषिकेश क्षेत्र में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. वही भारी भीड़ को देखते हुए हरिद्वार से आने वाले यात्रियों को बाईपास होते हुए नटराज चौक की तरफ भेजा गया और चार धाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को नेपाली फार्म से ही रानीपोखरी डायवर्ट करते हुए लक्ष्मण झूला तपोवन क्षेत्र से चार धाम के लिए भेजने की व्यवस्था पुलिस द्वारा की गई. गंगा दशहरे के पावन पर्व पर संस्थाओं द्वारा श्रद्धालुओं के लिए जलपान की व्यवस्था की गई. पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और संवेदनशील घाटों पर जल पुलिस के तैराक तैनात किए गए ताकि किसी अप्रिय घटना पर रोक लगाई जा सके.