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अर्पण, तर्पण और योग की जन्म भूमि है उत्तराखंड : आचार्य घिल्डियाल

तमाम भारतीय प्राचीन विद्याओं ज्योतिष, साहित्य, व्याकरण सहित योग का उदय भी उत्तराखंड की हिमालय की तलहटी में ही हुआ है. यहां पर ही अनेक ऋषि और मुनियों ने तपस्या करके अपने लक्ष्य का साधन किया है. चाहे बद्रीनाथ में व्यास गुफा में बैठकर 18 पुराणों की रचना वेदव्यास द्वारा की गई हो अथवा शब्द व्याकरण के माहेश्वर सूत्र भगवान शिव के डमरू से कैलाश पर्वत में निकले हो.

आचार्य घिल्डियाल
आचार्य घिल्डियाल

उत्तराखंड देवभूमि होने के साथ-साथ अर्पण, तर्पण और योग की भी जन्म भूमि है. इसी भूमि पर तपस्या करके अधिकांश ऋषि-मुनियों ने योग को परिभाषित और पुष्पित और पल्लवित किया है. उपरोक्त विचार उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने श्री राम हिमालयन योग एवं ग्रामीण विकास संस्थान ट्रस्ट के देहरादून कारगी में स्थित कार्यालय के उद्घाटन समारोह में उपस्थित जनता को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए.

डॉक्टर घिल्डियाल ने कहा कि तमाम भारतीय प्राचीन विद्याओं ज्योतिष, साहित्य, व्याकरण सहित योग का उदय भी उत्तराखंड की हिमालय की तलहटी में ही हुआ है. यहां पर ही अनेक ऋषि और मुनियों ने तपस्या करके अपने लक्ष्य का साधन किया है. चाहे बद्रीनाथ में व्यास गुफा में बैठकर 18 पुराणों की रचना वेदव्यास द्वारा की गई हो अथवा शब्द व्याकरण के माहेश्वर सूत्र भगवान शिव के डमरू से कैलाश पर्वत में निकले हो. लोक कल्याणकारी समस्त विद्याओं का उदय इस उत्तराखंड की धरती से ही हुआ है. उन्होंने श्री राम हिमालयन ग्रामीण विकास एवं योग संस्थान के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्हें सरकार द्वारा भी भविष्य में कार्यक्रमों के लिए अनुदान दिलाने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो अथवा राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हो सभी का यह प्रयास है कि इस तपोभूमि पर युवा वर्ग में गोवा संस्कृति के स्थान पर गंगोत्री संस्कृति का विकास हो इसके लिए जो भी संस्था आगे बढ़कर कार्य करेगी सरकार उसका हर तरफ से उत्साहवर्धन करने के लिए तैयार है.

मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में पहुंचने पर उत्तराखंड रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करते हुए संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सविता उपाध्याय ने कहा कि आचार्य घिल्डियाल जिस प्रकार केंद्र एवं राज्य सरकार की मनसा को धरातल पर उतारने के लिए शिक्षा, ज्योतिष अध्यात्मिक योग एवं पर्यावरण के माध्यम से कार्य कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है और इसलिए श्रीराम हिमालय ग्रामीण विकास एवं योग संस्थान उत्तराखंड सरकार से उनको राजगुरु के रूप में अति विशिष्ट सम्मान से सम्मानित करने की मांग करता है.

इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित धर्म, अध्यात्म, ज्योतिष ,साहित्य, संस्कृति, राजनीति एवं व्यापार से जुड़ी तमाम हस्तियों को संस्थान के उपाध्यक्ष रोशन लाल उपाध्याय सचिव गीत मणि नौटियाल, कोषाध्यक्ष सुभाष भट्ट, सह सचिव विकास भट्ट, प्रचार सचिव मुकेश बलूनी ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर योगाभ्यास के लिए मूर्ति राम उनियाल लक्ष्मी उनियाल योगाचार्य राहुल सहित श्री राम हिमालयन ग्रामीण विकास योग एवं शोध संस्थान ट्रस्ट के सभी कार्यकर्ता और शहर के गणमान्य हस्तियां उपस्थित थी.


Published: 06-06-2022

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