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राजकीय महाविद्यालय मालदेवता रायपुर : उच्च शिक्षा निदेशक ने किया निरीक्षण

महाविद्यालय का नैक एक्रीडेशन होना है परंतु इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में नैक कराने में समस्याएं आ रही हैं. महाविद्यालय में प्रायोगिक विषयों हेतु लैब का अभाव है जिसके लिए मुख्यमंत्री ने पूर्व में ही भूमि की घोषणा की है तथा महाविद्यालय एवं प्रशासन के सतत सहयोग से भूमि हस्तानांतरण का कार्य अंतिम चरण में है. परंतु अभी तक उक्त भूमि महाविद्यालय को हस्तानांतरित नहीं हो सकी है.

 उच्च शिक्षा निदेशक ने किया निरीक्षण
उच्च शिक्षा निदेशक ने किया निरीक्षण

उत्तराखंड के उच्च शिक्षा निदेशक प्रोफेसर संदीप शर्मा जी द्वारा राजकीय महाविद्यालय रायपुर मालदेवता का औचक निरीक्षण किया गया. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सतपाल साहनी ने निदेशक महोदय से महाविद्यालय की वर्तमान समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि महाविद्यालय का नैक एक्रीडेशन होना है परंतु इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में नैक कराने में समस्याएं आ रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय में प्रायोगिक विषयों हेतु लैब का अभाव है जिसके लिए मुख्यमंत्री ने पूर्व में ही भूमि की घोषणा की है तथा महाविद्यालय एवं प्रशासन के सतत सहयोग से भूमि हस्तानांतरण का कार्य अंतिम चरण में है. परंतु अभी तक उक्त भूमि महाविद्यालय को हस्तानांतरित नहीं हो सकी है. प्राचार्य प्रोफेसर साहनी ने बताया कि महाविद्यालय में विकास की असीम संभावनाएं हैं तथा यहां महाविद्यालय का प्रत्येक स्टाफ दिए गए कार्यों को बड़ी तन्मयता से संपन्न करता है.

महाविद्यालय के प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए निदेशक उच्च शिक्षा प्रोफ़ेसर संदीप शर्मा जी ने बताया कि समय के साथ शिक्षकों को नई तकनीक अपनानी होगी उन्होंने यह भी बताया कि समय के साथ ऑनलाइन स्टडी मटेरियल तैयार करना तथा छात्र छात्राओं को किताबी ज्ञान से अतिरिक्त विभिन्न विषयों के ज्ञान प्रदान करना आवश्यक हो गया है. प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड की उच्च शिक्षा पूरी ऊर्जा और शक्ति के साथ नई शिक्षा नीति का अनुपालन करने जा रही है. उन्होंने बताया कि आगामी सत्र में नई शिक्षा नीति पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी जिसके लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. नई शिक्षा नीति में छात्र छात्राओं को मल्टी लेवल इंट्री तथा मल्टीलेवल एक्जिट की सुविधा प्रदान की गई है. चुनौतियों के साथ हमें भी स्वयं को तैयार करना होगा.

प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि किसी भी किसी भी महाविद्यालय के विकास के लिए टीम भावना से कार्य करना अत्यंत आवश्यक है. इसलिए सभी शिक्षकों को टीम भावना से कार्य करना चाहिए. प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि शिक्षक का वास्तविक सम्मान तभी होता है जब उसके द्वारा पढ़ाए गए छात्र किसी अच्छे पद पर प्रतिष्ठित होते हैं और यही शिक्षक के लिए गौरव का विषय होता है. इसलिए तमाम प्रशासनिक कार्यों के बावजूद क्लासरूम टीचिंग को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए जिससे छात्र छात्राओं को उनकी अभिरुचि एवं योग्यता के अनुसार उचित शिक्षा प्रदान की जा सके. निदेशक उच्च शिक्षा ने कहा कि निदेशालय स्तर पर किसी भी फाइल को लंबित नहीं किया जा रहा है. प्रत्येक कार्य को जो निदेशालय के सामर्थ्य में है तेजी से करने का प्रयास किया जा रहा है. इसी प्रकार प्रत्येक महाविद्यालय में भी शिक्षकों को चाहिए उनको दिए गए दायित्वों का उस समय पर निर्वहन करें तथा प्राचार्य को उचित सहयोग प्रदान करें.

निदेशक ने कहा कि प्राचार्य एक संरक्षक की तरह होता है जिसके दिशा निर्देशों का पालन करना प्रत्येक शिक्षक का दायित्व है. निदेशक उच्च शिक्षा में महाविद्यालय के स्टाफ के साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा की तथा लाइब्रेरी स्टाफ रूम क्लास रूम कार्यालय तथा अन्य भवनों का निरीक्षण किया. साथ ही महाविद्यालय को दी जाने वाली प्रस्तावित भूमि का भी निरीक्षण किया और निदेशालय स्तर पर हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सतपाल साहनी जी ने महाविद्यालय आगमन पर निदेशक उच्च शिक्षा को स्मृति चिन्ह भेंट किया धन्यवाद दिया तथा महाविद्यालय के समारोह डॉ दयाधर दीक्षित ने सभी प्राध्यापकों की तरफ से निदेशक उच्च शिक्षा को महाविद्यालय आने तथा महाविद्यालय की चिंताओं को समझने के लिए धन्यवाद दिया तथा उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए आभार व्यक्त किया.

इस अवसर पर प्रोफेसर यतीश वशिष्ठ, डॉ दक्षा जोशी, डॉ अनीता चौहान, डॉक्टर एमएस पवार, डॉ अजय उनियाल, डॉ मधु थपलियाल, पूजा रानी सहित अन्य सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित थे.


Published: 30-04-2022

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