उप्र ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन द्वारा तानाशाहीपूर्ण ढंग से अन्याय व उत्पीड़न किये जाने से व्याप्त रोष, कारपोरेशन में उत्पन्न किये गये भय के वातावरण में बगैर संसाधनों के तथा अत्यन्त मानसिक कष्ट में कार्य कर रहे सभी अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं ने समस्याओं का समाधान न होने, शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में, चल रहे सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं प्रबन्धन के साथ पूर्ण असहयोग के क्रम में, आगामी 04, 05 एवं 06 अप्रैल 2022 को घोषित सामूहिक अवकाश के आवेदन बड़े पैमाने पर देना प्रारम्भ कर दिया है. शान्तिपूर्ण ध्यानाकर्षण सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत आज पूरे प्रदेश में सभी परियोजनाओं एवं जिला मुख्यालयों पर अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किये जिनमें सैकड़ां की संख्या में अभियन्ता व अवर अभियन्ता सम्मिलित हुए.
संगठन के पदाधिकारियों वी0पी0 सिंह, जी0बी0 पटेल, प्रभात सिंह, जय प्रकाश ने आज जारी बयान में बताया कि उ0प्र0 के ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन द्वारा ईआरपी प्रणाली खरीद एवं बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. ईआरपी प्रणाली पर अरबों रूपये खर्च करने के बाद भी विभागीय कार्यप्रणाली अनुरूप नहीं है, ना ही इसका समुचित प्रशिक्षण दिया गया है और न ही इसके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मैन पावर दी गयी है. इसके बावजूद निजी कम्पनी द्वारा दिये गये सॉफ्टवेयर के अनुरूप ही दबाव डालकर अभियन्ताओं को कार्य करने हेतु बाध्य किया जा रहा है. कल दिनांक 25 मार्च, 2022 को प्रदेश मे नयी सरकार के गठन के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं नवगठित होने वाली सरकार के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी के सम्मान मे राजधानी मुख्यालय जनपद-लखनऊ मे विरोध सभा स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है जबकि राजधानी मुख्यालय लखनऊ को छोड़कर अन्य समस्त जनपद एवं बिजली परियोजना गृह पर पूर्व से घोषित कार्यक्रम यथावत जारी रहेगा.
पदाधिकारियों ने आगे बताया कि ऊर्जा निगमों में विद्युत उत्पादन एवं विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम मैन, मनी, मैटीरियल उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने में ऊर्जा निगम प्रबन्धन पूर्ण रूप से विफल रहा है एवं अपनी विफलता छुपाने के लिए प्रबन्धन द्वारा तरह-तरह के बेनियम आदेश जारी कर अभियन्ताओं को उलझाये रखा जा रहा है. संसाधनों की मांग करने वालों व विरोध करने वालों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है. इससे जहां प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप सबको बिजली हरदम बिजली के लक्ष्य को पूर्ण कर पाने में बिजली कर्मियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगमों में भययुक्त वातावरण एवं नकारात्मक कार्य प्रणाली स्थापित हो रही है. ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन की इस प्रकार की कार्य प्रणाली से समस्त बिजली कर्मियों का मनोबल गिरा हुआ है. यह न तो प्रदेश हित में है और न ही ऊर्जा निगमों के हित में है.
संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेन्स नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले अरबों रूपये के इस घोटाले एवं ऊर्जा निगमों में शीर्ष स्तर पर व्याप्त कु्प्रबन्धन के लिए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाये. असहयोग/सविनय अवज्ञा आन्दोलन के क्रम में आज छठवें दिन प्रदेश भर के समस्त अभियन्ताओं एवं जूनियर इंजीनियरों ने सहभागिता सुनिश्चित करते हुए जनपद मुख्यालयों एवं परियोजनाओं पर सायं 04 बजे से 05 बजे के बीच 01 घण्टे का विरोध प्रदर्शन कर ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन के उत्पीड़नात्मक एवं तानाशाही रवैये के प्रति आक्रोश व्यक्त किया.
राजधानी लखनऊ में आज मध्यांचल मुख्यालय पर हुई विरोध सभा में इं0 पल्लब मुकर्जी, इं0 जय प्रकाश, इं0 विजय गुप्ता, इं0 पी के सिंह, इं आलोक कुमार श्रीवास्तव,इं करूणेन्द्र कुमार वर्मा, इं अरविंद झा,इं0 जगदीश कुमार, इं0 मोहित कुमार, इं0 राहुल सिंह, इं0 कौशल किशोर वर्मा, इं0 आशीष शर्मा, इं0 नितिन जायसवाल, इं0 संजीव वर्मा, इं0 आर0बी0 सिंह, इं0 एस0एन0 पटेल, इं सन्दीप मौर्य इं0 राहुल शर्मा, इं0 अभिषेक दुबे, इं0 अरविन्द कुमार, इं0 चन्द्रप्रकाश, इं0 संदीप, इं0 अभिनव तिवारी, इं0 चन्द्रशेखर, इं0 अरविन्द कुमार, इं0 अंकित, इं0 स्वप्निल सिंह, इं0 विरेश पटेल, इं0 मनोज कुमार जायसवाल, इं0 दीपक शर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता, जूनियर इंजीनियर एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे.