कत्थक नृत्य द्वारा गणपति वंदना से हुआ
साहित्य मंडल नाथद्वारा द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सेवानिवृत आई ए एस अधिकारी श्री जगदीश शर्मा, जयपुर ने की. समारोह के मुख्य अतिथि नंदकिशोर पांडे, विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर तथा विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत जज चंद्रभाल सुकुमार बनारस, पंडित मदनमोहन शर्मा अकिंचन जी रहे. समारोह का शुभारंभ छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश की स्पंदन चौधरी द्वारा मेड़ता के वयोवृद्ध कवि हरि ॐ तरंग द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई.
श्री विट्ठल पारीक ने श्रीनाथ जी की वंदना कर सारे वातावरण को कृष्णमय बना दिया. हरि ॐ हरि भरतपुर, ने प्रदत्त समस्यापूर्ति के शब्दों व छंदों पर समस्यापूर्ति प्रस्तुत की. सम्मान के क्रम में ब्रजभाषा विभूषण की मानद उपाधि से अलंकृत महानुभावों, श्रीमती वैदेही शर्मा, मथुरा उत्तरप्रदेश, श्रीमती आशा चतुर्वेदी, मथुरा, उत्तरप्रदेश, श्रीमती रेणु उपाध्याय, मथुरा उत्तरप्रदेश, श्री नेतराम नेतू, कामवन, राजस्थान, श्री नंदीलाल निराश, खीरी, उत्तरप्रदेश, देवी प्रसाद गौड़, मथुरा, उत्तरप्रदेश, श्री गोपाल गुप्ता, जयपुर राजस्थान, श्री गिरीश चंद्र जोशी, डीग, राजस्थान, श्री शीशराम गोला, कामवन, राजस्थान को शॉल, उत्तरीय, कंठहार, मेवाड़ी पगड़ी, पेन, फोल्डर, श्रीनाथ जी की छवि व सम्मान पत्र प्रदान कर अलंकृत किया गया. डॉ नवज्योत भनोत श्रीगंगानगर राजस्थान को हिंदी साहित्य मनीषी व डॉ अरुण शहैरिया ताइर गुरदासपुरी को हिंदी काव्य मनीषी की मानद उपाधि से समादृत किया गया. श्री विट्ठल पारीक व श्री हरिओम हरि ने समादृत साहित्यकारों के गद्यात्मक व पद्यात्मक परिचय पढ़े. मंचासीन अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। समारोह का सरस संचालन सहित्यमण्डल के श्री श्याम देवपुरा ने किया. प्रस्तुतकर्ता आकाशवाणी, मथुरा के श्रीकृष्ण शरद रहे.