कब हर की पौड़ी की तर्ज पर विकसित होगा
ऋषिकेश की ह्रदयस्थली त्रिवेणी घाट से दूर होती गंगा की जलधारा को पक्के घाट के पास लाने के मुद्दे को हर पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करती है. पिछले डेढ़ दशक से गंगा के घाट के करीब लाने की सामाजिक व्यापारिक संगठन उठा रहे हैं लेकिन इस दिशा में कोई ठोस नहीं हो पाया है. धार्मिक आस्था से जुड़ा यह एक बड़ा मुद्दा है. धर्मनगरी को हर की पौड़ी की तर्ज पर विकसित करने की योजना तो है. घाट से दूर होती गंगा की जलधारा 12 महीने पक्के घाट के पास तो है लेकिन यह योजना अभी तक साकार नहीं हो सकी है. गंगा सभा अध्यक्ष राहुल शर्मा गंगा प्रेमी चेतन स्वरूप भटनागर जितेंद्र जोशी ने बताया कि घाट से गंगा की जलधारा को त्रिवेणी घाट की ओर काटकर कल पिक व्यवस्था बनाई गई है जो कारगर नहीं है. इसे हर की पौड़ी की तरह विकसित करना ही होगा.
कार्यदाई संस्था सिंचाई विभाग पिछले डेढ़ दशक में गंगा की जलधारा को पक्के घाट के पास लाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर तीन बार सरकार को भेज चुका है लेकिन प्रस्ताव फाइलों में ही धूल फांक रहा है. विभागीय सूत्रों की मानें तो बजट की कमी के कारण प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पा रही है.