भारतीय मूल का खड़ूस बॉस, जिसने ढाई मिनट की ज़ूम कॉल में नौकरी से निकाल दिए 900 कर्मचारी
हाल ही में भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को ट्विटर का सीईओ बनाया गया था, इसके बाद इस बात को लेकर खूब चर्चा होने लगी कि भारतीय मूल के सीईओ दुनिया भर में झंडे गाड़ रहे हैं। सत्य नडेला से लेकर सुंदर पिचाई तक की बात होने लगी। इसी बीच अब भारतीय मूल के एक ऐसे सीईओ की चर्चा सोशल मीडिया पर जोरों - शोरों से हो रही है, जिसे खड़ूस बॉस कहा जा रहा है। दरअसल, भारतीय मूल के इस सीईओ ने महज ढाई मिनट की ज़ूम वीडियो कालिंग में कम्पनी के लगभग 900 कर्मचारियों की छंटनी कर दी। यहां बात हो रही है बैटर डॉट कॉम के सीईओ विशाल गर्ग की।
विशाल गर्ग बैटर डॉट कॉम के फाउंडर और सीईओ हैं, जो मकान मालिकों को होम लोने समेत विभिन्न प्रकार की सेवाएं देती है। लिंक्डिइन पर मौजूद जानकारी के अनुसार वह वन जीरो कैपिटल के फॉउण्डिंग पार्टनर भी हैं, जो की एक इन्वेस्टमेंट होल्डिंग कम्पनी है।
43 साल के विशाल गर्ग न्यूयॉर्क के ट्रेबेका में रहते हैं। ट्रेबेका न्यूयॉर्क शहर की सबसे महंगी जगह है, जहां अमीर लोग रहते हैं। उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की है।
उन्होंने वीडियो में कहा कि वह अपने करियर में दूसरी बार ऐसा कर रहे हैं और उन्हें यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा। जब पहली बार उन्होंने ऐसा किया था तब वो अपने फैसले पर रोये भी थे।
विशाल गर्ग का विवादों से पुराना नाता है। उन्होंने इससे पहले भी कर्मचारियों को निकाला था और उस वक़्त बहुत ही सख्त भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने लिखा- "आप बहुत धीरे-धीरे काम करते हैं, आप बेवकूफ डॉल्फिनों के झुंड जैसे हो.... तो बस करो....बस करो। तुम मुझे शर्मिंदा कर रहे हो। तब भी उन्हें लेकर विवाद हुआ था और अब उन्होंने 900 कर्मचारियों को एक झटके में निकाला है तो वह फिर से विवादों का सामना कर रहे हैं।
कोरोना काल में भी विशाल गर्ग खूब चर्चा में थे, लेकिन तब वजह अच्छी थी। उन्होंने न्यूयॉर्क सिटी पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों को ऑनलाइन लर्निंग को बेहतर करने के लिए 20 लाख डॉलर दान दिया था। इन पैसों का इस्तेमाल आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए क्रोमबुक, आईपैड, वाईफाई हॉटस्पॉट,किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए किया गया था। पहले जो अपने परोपकार के लिए चर्चा में थे, अब एक सख्त फैसले की वजह से उनकी बात हो रही है।