मोदी अंकल, हमें पहचान दिला दीजिए
जिन बच्चोंं का का कोई नहीं होता उन बच्चों का अपना घर अनाथालय होता है. बच्चों का अपनों का प्यार का एहसास इसी अनाथालय से मिलता है लेकिन प्रयागराज के कटघर के रहने वाले अनाथालय बच्चे अपनी पहचान के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपना आधार कार्ड बनाने की अपील कर रहे हैं. बाकायदा पोस्ट कार्ड पर अपनी बात लिख कर प्रधानमंत्री से आधार कार्ड बनाए जाने की अपील की है. पोस्टकार्ड में बच्चोंं ने लिखा है कि पीएम अंकल हम लोगों का आधार कार्ड बनवाा दीजिये ताकि हम लोगों की भी समाज में एक पहचान मिल मिल सके. यही नहीं बच्चों ने अपने पोस्ट कार्ड लिखकर प्रधानमंत्री के पास भेज दिया है. अनाथालय के बच्चों को प्रधानमंत्री केेे जवाब का इंतजार है.
प्रयागराज के कटघर मेंं बने अनाथालय में कई सालों से बच्चे रह रहे हैं. इस अनाथालय में रहने वाले बच्चे के आगेे पीछे कोई नहीं है. अनाथालय में अधिकतर रहने वाले बच्चे या तो कोई कूड़े के ढेर में तो कोई स्टेशन पर या कोई जंगल की ढेर मेंं पड़ा मिला है. समाजसेवी संस्थाओं द्वारा यह सभी बच्चे अनाथालय में रखे गए हैं जिनका पालन पोषण इसी अनाथालय के जरिए होता है. इन बच्चों को माता पिता के रूप में अनाथालय के देखरेख करने वाले लोग ही होते हैं. अब इन बच्चों को भी लगने लगा है समाज में हमारी भी एक पहचान होनी चाहिए. इसके लिए बच्चों ने भारत केे प्रधानमंत्री को अपने आधार कार्ड बनाए जाने के लिए खत लिखा है. इन बच्चों ने खत के जरिए मोदी अंकल से अपना आधार कार्ड जल्द से जल्द बनाए जाने की गुहार लगाई है. आधार कार्ड का बनाने के पीछे बच्चों को कई फायदे हैं. एक तो सभी बच्चों अपनी पहचान मिल जाएगी. इसके अलावा सरकार केे द्वारा मिलने वाले स्कॉलरशिप के फॉर्म को भरने में बच्चों को फायदा मिलेगा क्योंकि अपनी पहचान यानी आधार कार्ड ना होने की वजह से कोई फॉर्म नहीं भर पाते हैं. मिली जानकारी के अनुसार इस वक्त इस अनाथालय में 10 से अधिक बच्चे रह रहेे हैं.
ब्लड डोनर राजीव मिश्रा बच्चों की कर रहे हेल्प
प्रयागराज के रहने वाले राजीव मिश्रा ब्लू क्रॉस ऑर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट है और ये अब तक हजारों लोगों को ब्लड डोनेट कर उनकी जान बचा चुके हैं. राजीव मिश्रा बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रयासरत हैं जिससे कि इन बच्चों का भी एक पहचान हो जाए. राजीव का कहना है कि वह अपना सारा त्यौहार अनाथालय के बच्चों के बीच मनाते हैं. बच्चों के बीच त्योहार की खुशियां बांटने का प्रयास करते हैं. इन बच्चों को अपनत्व और प्यार की जरूरत है क्योंकि रिश्ता क्या है राजीव इस बात को भलीभांति जानते हैं. राजीव का कहना है कि रिश्तों में अपनत्व कितना है, यह महसूस होना चाहिए. इन बच्चों को मैं अपने प्यार के साथ हर संभव मदद मुहैया करवाता हूं. इसलिए इन बच्चोंं की पहचान के लिए भारत के प्रधानमंत्री को लिखवा कर भेजा है ताकि इन बच्चों को अपनी पहचान मिल सके.