Media4Citizen Logo
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल
www.media4citizen.com

राजनीतिक ढोंग : पाखंड मक्कारी की कहानी

पिछले 37 सालों से हजारों महिलाएं, विधवाएं दिल्ली की सड़कों से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक बाकायदा नाम लेकर, हलफनामा देकर चीख-चीखकर यह कह रही हैं कि हमारे पति, हमारे पिता, हमारे भाई, हमारे पुत्र को सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमलनाथ, एचकेएल भगत आदि कांग्रेसी नेताओं और उनके गुंडों ने जिंदा जला कर मौत के घाट उतारा है. पर राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को पिछले 37 बरस में इतनी फुर्सत नहीं मिली कि उन हजारों महिलाओं, विधवाओं में से किसी एक के घर जाकर शोक व्यक्त करते.

पाखंड मक्कारी की कहानी
पाखंड मक्कारी की कहानी

पिछले 37 सालों से हजारों महिलाएं, विधवाएं दिल्ली की सड़कों से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक बाकायदा नाम लेकर, हलफनामा देकर चीख-चीखकर यह कह रही हैं कि हमारे पति, हमारे पिता, हमारे भाई, हमारे पुत्र को सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमलनाथ, एचकेएल भगत आदि कांग्रेसी नेताओं और उनके गुंडों ने जिंदा जला कर मौत के घाट उतारा है.

लेकिन उसी दिल्ली में पले बढ़े पढ़े और 50 साल के अधेड़ हो गए राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को पिछले 37 बरस में इतनी फुर्सत नहीं मिली कि उन हजारों महिलाओं, विधवाओं में से किसी एक के घर जाकर शोक व्यक्त करते, संवेदना प्रकट करते. उसकी सहायता करते. दिल्ली में ही रहते हुए 50 बरस की अधेड़ हो गयी भाई बहन की यह जोड़ी दिल्ली में 1984 के दंगा पीड़ित एक भी परिवार से आजतक नहीं मिली है. इसके बजाए उन महिलाओं विधवाओं की चीखों का घृणित अपमान तिरस्कार करते हुए 50 बरस की अधेड़ भाई बहन की जोड़ी ने 2018 में कमलनाथ को मप्र का मुख्यमंत्री बना दिया।

लेकिन यही अधेड़ जोड़ी खालिस्तानी गुंडों के प्रति हमदर्दी जताने दिल्ली से दौड़ी और लखीमपुर पहुंच गयी तो भारतीय राजनीति में राजनीतिक धूर्तता मक्कारी ढोंग पाखंड दोगलेपन का एक और कलंकित अध्याय जुड़ गया

पोस्ट के साथ प्रस्तुत चित्र उन हजारों विधवाओं में से ही कुछ विधवाओं का है जो पिछले 37 बरस से कांग्रेसी गुंडों के खिलाफ कार्रवाई की ज़ंग लड़ रही हैं.


Published: 09-10-2021

Media4Citizen Logo     www.media4citizen.com
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल