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रोजगार की ओर बढ़ते ग्रामीणों के कदम : मनरेगा ने दिया हौसला

लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट होना कोई नई बात नही है. तमाम प्रयासों के बाद भी पहाड़ की विषम परिस्थितियों में रोजगार का प्रश्न एक बड़ी चुनौती साबित होता है. ऐसे में पौड़ी मुख्यालय से 22 किमी की दूरी में बसा ग्रामसभा धनाऊ रोजगार और विकास की राह में आगे बढ़ते देखा जा सकता है.

 मनरेगा ने दिया हौसला
मनरेगा ने दिया हौसला

एक ओर लोगो के सामने रोजी रोटी का संकट होना कोई नई बात नही है। तमाम प्रयासों के बाद भी पहाड़ की विषम परिस्थितियों में रोजगार का प्रश्न एक बड़ी चुनौती साबित होता है. ऐसे में पौड़ी मुख्यालय से 22 किमी की दूरी में बसा ग्रामसभा धनाऊ रोजगार और विकास की राह में आगे बढ़ते देखा जा सकता है. 

ग्रामप्रधान के प्रयास:- दिसंबर 2019 में कमल रावत को ग्रामसभा धनाऊ का प्रधान चुना गया तब से वह गांव में रोजगार नए नए अवसरों को जुटाने का काम कर रहे हैं. रावत बताते हैं. पहले ग्रामसभा में जॉब कार्डो की संख्या लगभग 70 से 80 थी, जो अब बढ़कर करीब 130 पहुंच गई है. वही लॉकडाउन के दौरान गांव लौटे प्रवासियों को मनरेगा द्वारा रोजगार से लाभ प्राप्त हो रहा है. करीब चार महीने पहले कमल रावत ने स्वयं सहायता ग्रुप (एसएसजी) के जरिए गांव की महिलाओं को कृषि रोजगार से जोड़ा, इसका मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादनों द्वारा रोजगार पैदा किया जाना है. कृषि रोजगार से गांव की ही सुमन देवी, संजीता देवी, लक्ष्मी देवी, गीता देवी आदि कई और भी महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं. रावत बताते है भविष्य में इसे आजीविका से जोड़ने के लिए तुलसी, लहसुन, मुर्गी पालन, आदि कई और योजनाओ से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। 

प्रवासियों को मनरेगा रोज़गार:- धनाऊ के ही रहने वाले जायक्रत रावत करीब 17 वर्ष बाद गांव लौटे है जो दो साल से गांव में ही मनरेगा से रोजगार पा रहे हैं इसलिए जायक्रत अब गांव में ही रहना चाहते हैं. लॉकडाउन में विपिन रावत चार साल बाद मुंबई से गांव लौटे हैं वह दो साल से गांव पर ही हैं. वे कहते हैं कि वह अब परिवार के साथ ही रहना चाहते हैं, अगर वर्तमान की तरह आगे भी गांव में मनरेगा रोजगार उपलब्ध होने लगे तो वह बाहर जाना नहीं चाहेंगे. 

विभाग द्वारा प्रयास:- ब्लॉक विकास अधिकार पौड़ी प्रवीण भट्ट द्वारा बताया गया कि ग्रामसभा धनाऊ और बणगांव से विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जिसे विकासखंड द्वारा मनरेगा प्लानिंग में रखा गया था जिसके लिए बीते दिनों स्वीकृति मिल गई है. गांव के व्यक्तियों द्वारा की गई इस पहल को देखते हुए विभाग ने दोनो ग्रामसभाओं को चिन्हित किया गया है जिसको पायलट मॉडल के रूप में विकसित किए जाने का खाका विभाग ने तैयार किया है. जानकारी में बताया गया कि गांव के सभी संपर्क मार्गो को मरम्मत कर उनका रंगरोगन किया जाएगा इस प्रकार गांव को सजाने का काम किया जा रहा है. जो आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाना है. इन कार्यों को मनरेगा और क्षेत्र पंचायत द्वारा किया जा रहा है ताकि पैसे का उपयोग सही प्रकार से किया जा सके. ब्लॉक विकास खंड पौड़ी के उप कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा दीपक नेगी ने बताया की ब्लॉक के अधीन 63 ग्रामसभाओं आती है। जिसमे नब्बे प्रतिशत विकास कार्य मनरेगा द्वारा किए जाने का कार्यक्रम चल रहा है. बाकी के कार्य राज्यवित्त के द्वारा किए जाने हैं. 

मंजूरी मिली:- ग्रामसभा धनाऊ और बण गांव में सात लाख का एक कॉमन वर्क शैड और दस लाख का एक मिनी ओपन थियेटर को विभाग द्वारा मंजूरी मिल चुकी है जिसका इस्तेमाल गांव में मीटिंग, शादी महोत्सव, रामलीला, सांस्कृतिक मेलों, सरकारी कार्यक्रम, बैठक आदि के लिए किया जा सकेगा. फिलहाल यह दोनो योजना के लिए एस्टीमेटिंग और डिजाइन बनाने का कार्य चल रहा है जिसके महीने भर में पूरा होने की संभावना बताई गई है, उसके बाद निर्माण शुरू कर दिया जाएगा जिसके दो से तीन माह में पूरा होने की संभावना है. 

बंजर भूमि का उपयोग :- ग्रामीणों के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के औषधीय पौधे और बाजार की जरूरत की खेती से ग्रामीणों की बंजर हुई भूमि को पुनः उपजाऊ बनाने के लिए योजना बनाई है. इसके लिए विभाग द्वारा ग्रामीणों को ट्रेनिंग द्वारा इनके रखरखाव और उत्पादनों को बाजार तक लेजाने की जानकारी भी शामिल है जिससे ग्रामीणों को पैदावार से लाभ मिले, साथ ही इसमें कृषि भूमि को जानवरो से बचाने के लिए भूमि की घेराबंदी का कार्य भी शामिल है. ग्रामसभा और विभाग के प्रयासों को देख ये अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में रोज़गार के नए अवसरों को बनाने में सहायता मिलेगी.


Published: 09-07-2021

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