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मेयर और भगवा खेमे के दामन पर कीचड़ : जयपुर ग्रेटर निगम बदहाल

भाजपा के नियंत्रण वाला जयपुर ग्रेटर निगम बदहाल है. इसकी मेयर सौम्या गुर्जर को निलंबित किया गया है, तथा जयपुर में कचरा संग्रह के लिए अनुबंधित २००० करोड़ रूपए की एकीकृत सेवा प्रदाता कंपनी बीवीजी इंडिया लिमिटेड के कॉर्पोरेट प्रशासन प्रमुख ओमकार सप्रे को एक रिश्वतखोरी काण्ड के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है. २९ जून को राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राज्य के आरएसएस प्रमुख निम्बा राम को भी इस घोटाले में नामित किया है.

जयपुर ग्रेटर निगम बदहाल
जयपुर ग्रेटर निगम बदहाल

राजस्थान की राजधानी में भाजपा के नियंत्रण वाला जयपुर ग्रेटर निगम बदहाल है. इसकी मेयर सौम्या गुर्जर को निलंबित किया गया है, तथा जयपुर में कचरा संग्रह के लिए अनुबंधित २००० करोड़ रूपए की एकीकृत सेवा प्रदाता कंपनी बीवीजी इंडिया लिमिटेड के कॉर्पोरेट प्रशासन प्रमुख ओमकार सप्रे को एक रिश्वतखोरी काण्ड के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है. २९ जून को राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राज्य के आरएसएस प्रमुख निम्बा राम को भी इस घोटाले में नामित किया है.

नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंहदेव के साथ उनके कक्ष में तीन पार्षदों ने मारपीट की जिसके बाद राजस्थान हाई कोर्ट ने सौम्या का निलाम्बम बरकरार रखा है. एसीबी के महानिदेशक बी.एल. सोनी का कहना है की वे १० जून को सामने आए विडियो और ऑडियो टेपो की जांच कर रहे है जिनमे कथित तौर पर निम्बा राम की मौजूदगी में राजाराम को बीवीजी इंडिया लिमिटेड के अधिकारियो से २० करोड़ की रिश्वत मांगते हुए दिखाया गया है. एसीबी उनके पति लें दें में सौम्या की भूमिका की भी जांच कर रही है. वही सौम्या का कहना है की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के कारन उन्हें निशान बनाया जा रहा है. निम्बा राम ने इस घटना के बारे में उनका पक्ष जानने के लिए किए गये कॉल और टेक्स्ट संदेशो का जवाब नही दिया गया. सौम्या ने बताया की जनवरी २०२१ में मेरी पहली आम बैठक में सभी १५० सदस्यों ने मुझसे बीवीजी अनुबंध को ख़त्म करने की मांग की थी. पर मैंने ऐसी सिफारिश करने के पहले कंपनी के विरुद्ध आई शिकायतों का धराताल पर सत्यापन किया वही सिंहदेव कहते है की उन्होंने नए टेंडर तैयार किये थे और बीवीजी के साथ अनुबंध खत्म करने का प्रकरण तैयार किया था पर सौम्या उस पर दम साधे रही. बीवीजी के ग्राहकों में राष्ट्रपति भवन संसद २२ राज्यों के ७० शहर और कुछ बड़े कॉर्पोरेट घराने शामिल है. यह कचरा प्रबंधन तथा भवनों और पार्को का रखरखाव समेत विभिन्न सेवाए प्रदान करती है. कंपनी के वेबसाइट पर एम्स संसद और प्रधानमंत्री कार्यकाल के भी प्रशंसा पत्र मौजूद है.

निलंबित महापौर और उनके पति को भाजपा और आरएसएस के कुछ नेताओं का समर्थन प्राप्त है जिसके चलते कई विवादों और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोध के बावजूद वे राजनीति में जगह बना सके. सौम्या पहली बार २०१३ में २९ वर्षीय निर्दलीय के रूप में करौली विधानसभा चुनाव लड़ने के समय सुर्खियों में आई थी. उनके पति राजाराम २०१५ में भाजपा की ओर से करौली नगर परिषद् अध्यक्ष बने और २०१९ में एक अधिकारी के साथ मारपीट करने के आरोप में उन्हें कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया था. सौम्या राजस्थान महिला आयोग की सदस्य थी लेकिन एक बाल्तकार पीड़िता के साथ सेल्फी लेने के प्रकरण सामने आने पर राजे ने जून २०१६ में उनसे इस्तीफा ले लिया था. इस साल मार्च में पुलिस ने राजाराम को एक अन्य मारपीट के मामले में गिरफ्तार किया था.

कांग्रेस सरकार ने २०१९ में जयपुर नगर निगम को दो भागो में बाँट दिया था इसके बाद के चुनावों में उसने अल्पसंख्यक समुदाय के प्रभुत्व वाले जयपुर हेरिटेज में जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने जयपुर ग्रेटर जीता और नवम्बर २०२० में स्थानीय पार्टी विधायको और नेताओं के विरोध को ख़ारिज करते हुए सौम्या को मेयर बनाया. इस पद से उन्हें हटाए जाने के घटनाक्रम ने राज्य भाजपा के भीतर तीखे विभाजन को फिर से बाहर ला दिया क्योकि स्थानीय विधायको ने उनके निलंबन के विरोध में आयोजित प्रदर्शन का बहिष्कार किया.

अब विडियो ऑडियो टेपो ने भाजपा आरएसएस की समस्याय बड़ा दी है क्युकी इनमे निम्बा राम के अलावा राजाराम कथित तौर पर बीवीजी अधिकारियो से कहते पाए गए है की उन्हें भुगतान तो करना ही होगा क्युकी गडकरी और फड़नवीस के कॉल भी कोई मदद नही कर सकेंगे. बचाव की मुद्रा में भाजपा अब दावा कर रही है की निम्बा राम की मौजूदगी की वजह उदयपुर में संघ की प्रदर्शनी स्थल के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कोष के तहत पांच करोड़ देने के बीवीजी के प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी.

मुख्यमंत्री गहलोत ने चतुराई भरी चाल चलते हुए वसुंधरा राजे खेमे की भाजपाई पूर्व महापौर शीला दभाई को कार्यवाहक मेयर के रूप में नियुक्त कर दिया है. इसी वजह से हाईकोर्ट ने माना कि सौम्या के खिलाफ सरकार की कार्रवाई राजनीति प्रेरित नही थी. कांग्रेस भगवा खेमे की दुर्दशा का आनंद ले रही है. खासकर इसके बाद की राजे खेमा शहर में कह रहा है की उसे इसलिए दरकिनार किया गया है ताकि राज्य भाजपा का मौजूदा नेतृत्व इस तरह की गतिविधियों को बेरोकटोक अंजाम दे सके.


Published: 09-07-2021

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