तेजस्वी यादव का शानदार प्रदर्शन लुटियनिया मीडिया की कहानी
सतीश मिश्र : लखनऊ : बिहार चुनाव हो गया. परिणाम भी आ गए. पिछले 7-8 महीने से जारी कोरोना के कहर से उपजी अनेक गम्भीर समस्याओं और अनेक बाधाओं के बावजूद NDA की पूर्ण बहुमत की सरकार भी बन गई. लेकिन बिहार चुनाव के 2-3 महीने पहले से लालू यादव को देसी नेल्सन मंडेला, तेजस्वी यादव को देसी मार्टिन लूथर किंग सिद्ध करने की जालसाजी में जी जान से जुटी रही लुटियनिया मीडिया के लिए बिहार का चुनाव परिणाम वज्राघात सिद्ध हुआ है. बिहार में दो तिहाई, तीन चौथाई बहुमत से भाजपा विरोधी सरकार बनने की अफवाह फैलाने की अपनी करतूत पर पर्दा डालने, अपनी खीझ और खिसियाहट मिटाने के लिए लुटियनिया मीडिया ने बिहार चुनाव का परिणाम सामने आते ही एक नया राग अलापना शुरू किया. अब लुटियनिया मीडिया देश की आंखों में यह कह कर धूल झोंकने में जुट गया है कि इस चुनाव में तेजस्वी यादव और वामपंथी दलों ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है. कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण ही बिहार में गठबंधन की सरकार नहीं बन पायी लेकिन लुटियनिया मीडिया के इस धूर्त राग की असलियत क्या है अब यह भी जानिए. 2015 में RJD 101 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे मत मिले थे 69.95 लाख (18.4%). RJD को 80 सीट मिली थीं. RJD द्वारा 2015 में जीती गयी सीटों की यह संख्या उसके द्वारा लड़ी गई सीटों की संख्या का 79% थी. यानी कि 2015 में उसका स्ट्राइक रेट 79% था. इसबार 2020 में RJD 144 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. यह संख्या RJD द्वारा 2015 में लड़ी गई 101 सीटों से 42.5% अधिक थी. इसबार 2020 में RJD 75 सीट जीती है. RJD द्वारा जीती गयी सीटों की यह संख्या उसके द्वारा लड़ी गई सीटों की संख्या का 52% है. यानी कि 2020 में RJD का स्ट्राइक रेट 52% रहा है. अर्थात् 2015 में RJD द्वारा लड़ी गयी सीटों पर जीत का यह प्रतिशत 27% अधिक था और 2015 के उसके स्ट्राइक रेट में इसबार 2020 में लगभग 34% की गिरावट दर्ज हुई है. RJD को इसबार 2020 में कुल मत मिले हैं 97.40 लाख (23.1%). यह संख्या 2015 में मिले मतों (18.4%) के प्रतिशत से 25.5% अधिक है. लेकिन 2015 में पार्टी की लड़ी गई सीटों की संख्या में हुई 42.5% की वृद्धि के बावजूद उसे मिले मतों की संख्या के प्रतिशत में केवल 25.5% की वृद्धि का यह अन्तर 17 प्रतिशत का है और यह तथ्य तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता का नहीं बल्कि नेतृत्व अक्षमता का ज्वलंत साक्ष्य है. यह तो हैं वो ठोस तथ्यात्मक धरातलीय साक्ष्य जो लुटियनिया मीडिया और RJD के हुड़दंगी नेताओं, प्रवक्ताओं के इस धूर्त राग की असलियत बता रहे हैं कि इसबार तेजस्वी यादव ने बिहार में शानदार ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है. उपरोक्त तथ्य इसलिए और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं क्योंकि इसबार बिहार का चुनाव नीतीश कुमार सरकार के विरोध और कोरोना के कारण उपजी गम्भीर समस्याओं के कारण व्याप्त आक्रोश के वातावरण में लड़ा जा रहा था. ऐसी जबर्दस्त अनुकूल राजनीतिक परस्थितियों में तेजस्वी यादव का गठबंधन विपक्ष की भूमिका में लड़ रहा था. इस लेख की अगली कड़ी में में ऐसे ही कुछ अन्य ठोस तथ्यों के साथ यह उजागर किया जाएगा कि वामपंथी दलों के तथाकथित शानदार प्रदर्शन और कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का बहाना बना कर लुटियनिया मीडिया और RJD के हुड़दंगी नेताओं प्रवक्ताओं की फौज किस तरह सफ़ेद झूठ की धूल बिहार और देश की आंखों में झोंक रही है.