दीपक शुक्ल : विस्कांसिन (अमेरिका ) : दुनिया के सबसे ताकतवर लोकतान्त्रिक देश अमेरिका के चुनाव सामने हैं. अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जहां चार साल के अपने दूसरे कार्यकाल के लिए मतदाताओं के बीच जायेंगे. वहां उन्हें चुनौती दे रहे हैं अमेरिका के आठ साल उपराष्ट्रपति रह चुके डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन. अमेरिका के संविधान के अनुसार कोई भी राष्ट्रपति केवल आठ साल के लिए ही बागडोर संभाल सकता है. पर आमतौर से देखा यह गया है कि हर राष्ट्रपति को शासन करने के लिए वहां की जनता दो टर्म दे ही दिया करती हैं. इस नाते तो डोनाल्ड ट्रम्प को ही इस चुनाव में बाज़ी मारनी चाहिए. पर जिस तरह ट्रम्प महाशय को अपने पहले ही कार्यकाल में महाभियोग का खतरा. फिर कोरोना महामारी का प्रकोप और उस से जन और धन की हानि से मिले अपयश, युवाओं की बेरोजगारी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान, अफगानिस्तान और चीन से तनातनी और रंगभेद ने ऐसा घेर लिया है कि उनके लिए चुनाव आग का दरिया है और दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें डूब के जाना है. अमेरिका दुनिया का ऐसा देश है जो दुनिया भर की सभ्यताओं के श्रेष्ठ लोगों को अपने आँचल में न केवल समेटे हुए है बल्कि उन्हें बेस्ट क्वालिटी ऑफ़ लाइफ उपलब्ध करा रहा है. बदले में उनके योगदान से ही आज वो सुपर पॉवर का दर्जा हासिल किये हुए है. चीन, भारत, यूरोप, अफ्रीका और एशिया से आये प्रवासियों का आज अमेरिका के उद्यमों और उनमे रोजगार पर कब्ज़ा है. शायद इसीलिए ट्रम्प ने शुरू से ही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफों के पुल बाँधने शुरू कर दिए थे ताकि एक तो अमेरिका को भारत का रसीला बाज़ार खुला मिले दूसरे वहाँ बसे प्रवासी भारतीयों का वोट उन्हें सकें. उन्हें ये अच्छे से पता है कि अमेरिका में बसे चीनी प्रवासियों का वोट तो मिलने से रहा. इसीलिए डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के साथ भारतीय मूल की महिला कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना कर ट्रम्प के लिए तगड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. कमला का मैदान में आना उन प्रवासी भारतीय वोटों में सेंध लगाना होगा जिन पर मोदी की मदद से ट्रम्प आस लगाये हुए थे. चीनियों के आलावा मुस्लिम और अमेरिकी अफ़्रीकी मूल के वोटर पहले से ही ट्रम्प से नाराज़ थे. उस पर कोरोना के कारण अमेरिकियों की बेरोजगारी और सेहत के मुद्दे भी उनके लिए बड़ा सरदर्द हैं. मुझसे जैसे कोई पूछे भारत का बेहतर प्रधानमंत्री कौन होगा - हाजी मस्तान या अटल बिहारी वाजपेयी ? हाजी मस्तान और ट्रम्प दोनों ने वित्तीय लाभ के लिए कानून के साथ खेला और बाद में राजनीति में प्रवेश किया. मुझे निश्चित रूप से किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं होगी और जीवन भर के जनसेवक और एक बहुत सभ्य इंसान वाजपेयी जी को चुनेंगे. वास्तव में सिर्फ बाइडेन ही नहीं बल्कि, कोई और ट्रम्प से बेहतर राष्ट्रपति होगा. बिडेन 8 साल से ओबामा के उपाध्यक्ष रहे हैं और एक अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड के साथ 50 से अधिक वर्षों से सार्वजनिक सेवा में हैं. बाइडेन एक बहुत ही सभ्य, दयालु इंसान हैं. ट्रम्प की तुलना में उनकी योग्यता अनंत गुना बेहतर है और यह अतिशयोक्ति नहीं है क्योंकि आप जानते हैं कि किसी भी संख्या को 0 से विभाजित करने पर क्या होता है. एक देश के एक अच्छे नेता के लिए अपेक्षित गुणों के रूप में मुझे ये लक्षण मिले । मैं उन एक-एक करके उन पर जाऊंगा यह दिखाने के लिए कि ट्रम्प उन पर कहाँ खड़े है. 1. जवाबदेही-जब संयुक्त राज्य अमेरिका में संघीय सरकार की प्रतिक्रिया में देरी और राजनीतिक कारणों से महामारी की गंभीरता को कम करने के कारण 170,000 लोगों की मौत हो गई, तो ट्रम्प ने प्रसिद्ध रूप से कहा कि 'मैं कोई जिम्मेदारी नहीं लेता'. उसने वास्तव में ओबामा को इसके लिए दोषी ठहराया! 2. कानून और लोगों के लिए सम्मान-ट्रम्प हर न्यायाधीश जो उसके खिलाफ एक फैसला देता है के आलोचक हैं. वह महिलाओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों के साथ टेप पर पकड़ा गए हैं. उन्होंने सार्वजनिक रूप से एक पत्रकार का मजाक उड़ाया जिसमें विकलांगता थी क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ लिखा था. 3. अपने लोगों के बीच एकता को बढ़ावा-ट्रम्प कभी पूरे अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बने और वह कभी नहीं हो सकते. वह श्वेत वर्चस्ववादी, धार्मिक उत्साही, अल्ट्रा अमीर हैं और उन्हीं को आगे बढ़ाते हैं जो उनसे अपवित्र मैत्री कर के अधिक अमीर बनना चाहते हैं. ट्रम्प एक डिवाइडर इन चीफ है. 4. विनम्रता-ट्रम्प की विनम्रता शून्य है. ट्रम्प सोचते है कि वह सब कुछ जानता है और वह हर किसी से बेहतर जानता है । उनकी सोच है कि वह सैन्य जनरलों से बेहतर युद्ध जानते हैं, डॉक्टरों से बेहतर हैं. पर वह लगभग हर समय गलत है, लेकिन वह कभी स्वीकार नहीं करते हैं. 5. ईमानदारी-ट्रम्प की बेईमानी चार्ट से दूर है. टैक्स फ्रॉड किया है और विदेशों में आर्थिक हित हैं. उन्होंने कभी भी अपने कर रिटर्न का खुलासा नहीं किया. 6. कठपुतली-ट्रम्प को कठपुतली बनाना आसान है, आपको बस उसकी प्रशंसा करना है. उन्होंने अपनी खुफिया सेवाओं के खिलाफ पुतिन का बचाव किया (सीआईए, एफबीआई और कई अन्य). उसने सऊदी अरब को समर्थन दिया जब उन्होंने अपने दूतावास में एक पत्रकार को मार डाला. 7. ज्ञान-ट्रम्प ज्ञान के मामले में शून्य हैं. एक व्यवसायिक व्यक्ति के रूप में उनके कई असफल व्यवसाय हैं. कुछ हफ्तों पहले, वह लोगों को कोरोनोवायरस को मारने के लिए कह रहे थे. हर विषय पर सूचित नहीं होना ठीक है लेकिन ट्रम्प ने सीखने से भी इंकार कर दिया है. 8. साहस-ट्रम्प धमकाने वाला है और कभी-कभी लोग उनके बदमाशी के व्यवहार को साहस कह देते हैं. 9. करुणा-ट्रम्प करुणाशून्य है. कोरोना वायरस से 170,000 अमेरिकियों की मौत के साथ उन्होंने कहा 'यह क्या है' तैरते हुए उन्होंने इतना अच्छा काम किया है. उन्होंने उन नीतियों को लागू किया जहां छोटे बच्चों को अपने माता-पिता से अलग किया जा रहा था जब वे सीमा पार कर रहे थे, शरण मांग रहे थे. 10. कड़ी मेहनत-उनका ज़्यादातर समय टीवी देखने, ट्वीट करने और रैलियों करने में बिताया जाता है. उनका व्हाइट हाउस उस बेकार समय को 'कार्यकारी समय' कहता है. चाहे कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, वह शायद ही उसे दिया गया कुछ भी पढ़ता है. 11. प्रतिक्रियाशील-ट्रम्प अत्यधिक असुरक्षित और अत्यधिक प्रतिक्रियाशील है. उसके पास एक बहुत बड़ी छिपकली का दिमाग है (जो हर प्रोत्साहन पर प्रतिक्रिया करता है) पर कुछ कदम आगे नहीं देख सकता है. वह सिर्फ एक काउंटरपंचर है जबकि एक नेता को शतरंज खिलाड़ी बनने की जरूरत है. सारांश ये कि उन्हें नहीं लगता कि उन्हें देश सेवा करने के लिए चुना गया है, उन्हें लगता है कि उनकी सेवा करने के लिए देश है. वो बस एक महत्वाकांक्षी तानाशाह हैं. यहां तक कि जिन लोगों ने सेवा करने के लिए चुना है और उनके साथ सेवा की है, वे भी उसके खिलाफ हैं और उन्होंने किताबों को लिखा है कि वे उसका समर्थन क्यों नहीं करते हैं और उनमें से कई लोग आज बाइडेन का समर्थन कर रहे हैं. उसके प्रशासन में लगभग 20 लोगों पर आपराधिक गलतियों का आरोप लगाया गया है. बाइडेन जलवायु परिवर्तन नीतियों के लिए है जबकि ट्रम्प इसे धोखा कहते हैं. बाइडेन हर किसी के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचा, शिक्षा के लिए है, जबकि ट्रम्प अल्ट्रा समृद्ध करोड़पति और अरबपतियों को मेगा टैक्स कटौती देने के लिए सब से पैसे ले रहे हैं. बाइडेन महिला अधिनियम के खिलाफ हिंसा के लिए जाना जाता है और ट्रम्प पर यौन उत्पीड़न के लिए 25 महिलाओं द्वारा विश्वसनीयता का आरोप लगाया गया है. तो ट्रम्प और बाइडेन में अंतर बहुत गहरा है, जैसे रात और दिन का. यहां तक कि नेता भी पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश, जेब बुश और कई अन्य लोग ट्रम्प को वोट नहीं दे रहे हैं और उनमें से कई खुलेआम बाइडेन का समर्थन कर रहे हैं. क्यों ?