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125 वर्षो के बाद दोबारा शुरू हुआ : चौ.भीम सिंह पुस्तकालय

19वीं सदी के शुरुआत के आसपास दिल्ली के गांव कादीपुर की इस ऐतिहासिक हवेली में यह पुस्तकालय चलता था जिसमें साधु संत और सामाजिक व्यक्ति पढ़ने के लिए आते थे. चौ.ओमानंद सरस्वती जी ने भी चौधरी भीम सिंह पुस्तकालय कादीपुर का जिक्र किया था. 13 अप्रैल बुधवार चौधरी भीम सिंह की 157वीं जयंती पर उनके प्रपौत्र चौ. हरपाल सिंह राणा के द्वारा उसी हवेली में उनके नाम से फिर से इस पुस्तकालय को शुरू किया.

चौ.भीम सिंह पुस्तकालय
चौ.भीम सिंह पुस्तकालय

बाहरी दिल्ली के एतिहासिक गांव कादीपुर की प्राचीन हवेली में बुधवार को पुस्तकालय का फीता काट उद्घाटन किया गया. कादीपुर की इस हवेली में 19वीं सदी के शुरुआत के आसपास एक पुस्तकालय चलता था जिसमें साधु संत और सामाजिक व्यक्ति पढ़ने के लिए आते थे. चौधरी ओमानंद सरस्वती जी ने भी चौधरी भीम सिंह पुस्तकालय कादीपुर का जिक्र किया था. गांव का इतिहास 17वीं शताब्दी के समय से मिलता है. यह गांव 1911 में भारत की राजधानी दिल्ली बनने से पहले पंजाब प्रांत के दिल्ली जिले का एक गांव होता था. 

गांव की वंशावली तो बहुत लंबी है. 18 वीं शताब्दी में चौधरी जयसीराम से लेकर चौधरी टेकचंद, चौधरी भीमसिंह व वर्तमान में उनके प्रपौत्र हरपाल सिंह राणा उस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. यह परिवार समाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता आया है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चौधरी टेकचंद ने सन 1914 में गुरुकुल कांगड़ी में 51 सौ रुपए का दान देकर पहली छात्रवृत्ति आरंभ की थी. उस ज़माने में यह राशि बहुत बड़ी थी जिससे अनेक विद्यार्थियों ने शिक्षा ग्रहण करके विद्यालंकार की उपाधि हासिल की. तो वही चौधरी भीम सिंह के द्वारा 1911 में गांव बरौना जिला रोहतक में 1857 की क्रांति के बाद की सबसे बड़ी 50 हजार व्यक्तियों की पंचायत की अध्यक्षता की थी. पंचायत में समाज सुधार के 11 प्रस्तावो को लाया गया था जिसमें शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण था जिसे लेकर 1912 में रोहतक जाट स्कूल की आधारशिला रखी गई जिसमें चौधरी भीम सिंह ने 51 सौ रुपए का दान दिया था. इसी तरह 1919 में खेड़ा गढ़ी दिल्ली मे भी चौधरी भीम सिंह जी ने स्वयं दान देकर और समाज से सहयोग से स्वयं विद्यालय की आधारशिला रखी थी.

13 अप्रैल बुधवार चौधरी हरपाल सिंह राणा के द्वारा उसी हवेली में चौधरी भीम सिंह की 157वीं जयंती के अवसर पर एक बार फिर से चौधरी भीम सिंह के नाम से पुस्तकालय की स्थापना की और उन्होंने बताया कि यहाँ कई महत्वपूर्ण विषय की 250 पुस्तकें रखी गई जिसे भविष्य में और अधिक किया जाएगा. पुस्तक प्रेमियों के लिए पुस्तकालय अच्छी पहल साबित होगा. साथ ही पुस्तको से ज्ञान बढ़ेगा. इस अवसर पर संतोष देवी, कौशल्या देवी, सीमा राणा, स्वाति राणा, चौधरी राजबीर सिंह, चौधरी चंद्रमोहन, शक्ति सिंह, राजेश राणा, अखिल राणा समेत गांव के कई व्यक्ति मौजूद रहे.


Published: 14-04-2022

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