रांची का जैन मंदिर दुर्गा पूजा पांडाल रहा मुख्य आकर्षण
बबिता बसाक : लखनऊ : दुर्गा माँ वापस जा चुकी हैं. बात करे राजधानी के दुर्गा पूजा की, तो हर साल यहां कुछ नया कुछ अलग अवश्य ही राजधानीवासियों को देखने को मिलता है. इस साल का मुख्य आकर्षण रहा रांची के जैन मंदिर की तर्ज पर निर्मित रामनगर, आलमबाग स्थित दक्षिण लखनऊ वेल्फर एंड कल्चरल सोसाइटी द्वारा आयोजित सिन्धी गर्ल्स इंटर कालेज की दुर्गा पूजा, जिसने इस साल अपनी स्वर्ण जयन्ती सानन्दपूर्वक मनाई. विस्तृत जानकारी देते हुए जनरल सेक्रेटरी एस के देव बताते हैं कि 1970 में सरस्वती पूजा से हमारे यहां पूजा का आरंभ हुआ और उसी साल दुर्गा पूजा भी शुरु हुई. उस समय पूजा का आयोजन कनौसी प्राइमरी स्कूल में होता था, दो साल तक इस स्कूल में पूजा करने के बाद साल 1972-73 में आलमबाग जूनियर हाईस्कूल में दुर्गा पूजा और तत्पश्चात् 1974 में सिन्धी गर्ल्स कालेज में प्रारंभ पूजा, गत 49 सालों से उत्साह, आनंद और नई सोच के साथ हर साल आयोजित की जा रही है. हमें खुशी है कि इस साल हम स्वर्ण जयन्ती मना रहे हैं. पूजा के इस वृहत स्वरुप में आलमबाग और शहर के अलग-अलग जगहों के तमाम लोगों का अमूल्य योगदान है. खास बात है कि दुर्गा पूजा के साथ-साथ ढाक, लाइटिंग और टेन्ट कार्य से जुडे़ कार्यकर्ता भी विगत 50 सालों से यहां की पूजा से जुडे़ है, आज इनकी तीसरी पीढ़ी अपने सकुशल कार्यो से हर साल आयोजित यहां की दुर्गा पूजा में अपनी सेवा कर रही है. स्वर्ण जयन्ती के बारे में पी बी बोस बताते हैं कि इस साल कोलकाता के कलाकारों द्वारा गत डेढ़ महीने से वाटर प्रूफ पूजा पांडाल तैयार किया गया, जिसे रांची के जैन मंदिर जैसा स्वरुप दिया गया है और उसी थीम पर यहां के मूर्तिकारों ने भी मां की मूर्ति को भी बनाने का सफल प्रयास किया. 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक चली पूजा में यहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चंडी पाठ, आनन्द मेला, छोटे-छोटे बच्चों का नृत्य, नृत्य नाटिका व आर्केस्ट्रा प्रमुख रहे. सप्तमी, अष्टमी व नवमी के दिन पूजा, पुष्पांजलि, प्रसाद वितरण, भोग वितरण व संध्या आरती हुई. शहर की प्राचीन दुर्गा पूजा में 105 साल सबसे पुरानी शिवाजी मार्ग स्थित बंगाली क्लब की दुर्गा पूजा में इस साल सप्तमी अष्टमी के दिन छाउ नृत्य के अतिरिक्त आनंदो मेला में आयोजित चित्रकला, फैंसी ड्रेस व हाउजी और महिषासुर मर्दिनी चंडी पाठ, डांस ड्रामा और धुनूची नृत्य प्रमुख था. 78 साल पुरानी लाटूश रोड दुर्गा पूजा पांडाल को कोलकाता दुर्गा पूजा पांडाल सदृश बनाया गया. लगभग 10 फीट ऊंची मां की स्वर्ण प्रतिमा का अवलोकन देखते ही बनता था. सुन्दर बाग स्थित विक्ट्री इलैवन में सोलार दुर्गा प्रतिमा (श्वेत रंग) का सौम्य अवलोकन देखा जा सकता था. गौतम बुद्ध मार्ग स्थित विद्यांत पी जी कालेज ने स्थापना के 83वां साल पूरे किये. इस साल यहां की पूजा में मां के वृहत स्वरुप में एक नवीन और अनुपम छटा थी. लगभग 300 बंगाली परिवार द्वारा राजधानी स्थित रवीन्द्रपल्ली की दुर्गा पूजा भी लोकप्रिय दुर्गा पूजा में से एक है. यहां के पूजा पांडाल में मां का दरबार सजा तो लगभग 10 फीट ऊंची स्थापित मां दुर्गा की अद्भुत प्रतिमा ने पूजा पांडाल में आगमन हेतु विवश किया.