नवरात्रि पूजन उत्सव का आयोजन
श्री रामचरितमानस के प्रणेता गोस्वामी तुलसीदास के जन्म भूमि स्थल पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसके तहत आगामी नवरात्र में रामनवमी महोत्सव का आयोजन होगा।
श्री तुलसी जन्मभूमि न्यास एवं सनातन धर्म परिषद के संयुक्त तत्वावधान में महाकुंभ मेला, निषाद राजमार्ग, सेक्टर 24 में सनातन धर्म परिषद के शिविर में श्री तुलसी जन्मभूमि से संबंधित संगोष्ठी संपन्न हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए स्वामी भगवदाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्री रामचरितमानस के अमर प्रणेता श्री गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्म भूमि अयोध्या श्री राम जन्मभूमि के निकट गोंडा जिले के परसपुर विकासखंड के राजापुर क्षेत्र में है। जो गुरु भूमि नरहरि आश्रम पसका सूकर से मात्र 5 किलोमीटर पश्चिमोत्तर स्थित है।
संगोष्ठी के संयोजक जबलपुर विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर त्रिभुवन नाथ शुक्ल ने कहा कि आगामी रामनवमी के अवसर पर तुलसी जन्मस्थली की महत्ता को उजागर करने हेतु गोंडा जनपद में श्री रामनवमी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न होंगे। श्री तुलसी जन्मभूमि न्यास एवं सनातन धर्म परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वसम्मति से उपरोक्त प्रस्ताव पारित किया गया। संगोष्ठी के संयोजक प्रोफेसर त्रिभुवन नाथ शुक्ल ने बताया कि तुलसीदास जी के जन्म स्थान पर और भी कई विस्तृत योजनाएं संचालित की जाएगी।
संगोष्ठी में परिषद संयोजक आचार्य रामेश्वर मिश्र, सहसंयोजक व्यवस्थापक पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी पंडित कृष्ण शंकर मिश्र के अलावा देश के अनेक विद्वानों ने अपनी सहभागिता की। जिसमें पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर त्रिभुवन नाथ शुक्ल, आचार्य रामेश्वर मिश्र, पंडित कृष्ण शंकर मिश्र, अनिल तिवारी, रामेंद्र कुमार मिश्र, अनिल कुमार मिश्र, किशन कुमार मिश्र, सूरज मिश्र, शिव प्रताप मिश्र, बल्लू अवस्थी, खेलावन निषाद, रविंद्र मिश्र, जगदीश यादव आदि प्रमुख रहे। सभी विद्वानों ने अपने वक्तव्यों में अनेक प्रमाणों को देते हुए तुलसी की जन्म भूमि ग्राम राजापुर जिला गोण्डा को मान्य किया।