इस दिन को मनाने का मूल उद्देश्य था जनमानस में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता और उनके कार्यकलापों से जन जन में संग्रहालय के प्रति जागरुकता लाना था। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हर साल 18 मई को मनाया जाता है अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस। इस साल अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की थीम है ‘‘शिक्षा और अनुसंधान के लिये संग्रहालय‘‘ ।
विगत 18 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी लखनऊ में भी हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राज्य संग्रहालय एवं लोक कला संग्रहालय, लखनऊ संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिनमें संग्रहालय भ्रमण, संग्रहालय जागरुकता अभियान, प्रश्नोत्तरी, पेटिंग/ स्केचिंग व चित्रकला प्रतियोगिता और विशिष्ट कलाकृतियों की प्रदर्शनी और कठपुतली प्रदर्शन शामिल थे।
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए सहायक निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ की डा0 मीनाक्षी खेमका ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रमों में 16 और 17 मई को मॉडर्न एकैडमी गोमतीनगर, ऑल माइटी माण्टेसरी स्कूल गोमतीनगर, राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, करामत हुसैन गर्ल्स कॉलेज, भारतीय बालिका गर्ल्स इण्टर कॉलेज और राजकीय बालिका
इण्टर कॉलेज लखनऊ के विद्यालयों में हमने जाकर संग्रहालय से सम्बन्धित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया जिन्हंे बाद में पुरस्कृत भी किया गया।
17 मई को हमारे संग्रहालय में ही एक पेटिंग/स्केचिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, इस प्रतियोगिता में टेक्नो ग्रुप ऑफ हायर स्टडीज, गोयल इन्स्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज, एपीजे अब्दुल कलाम प्रा0 विश्वविद्यालय लखनऊ से आयेे लगभग 55 छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की, प्रतिभागियों को संग्रहालय में ही उपलब्ध मूर्तियों को देखकर उन्हें अपने कैनवस और पेपर पर उतारना था और हमें खुशी है कि सभी का प्रयास अत्यंत सराहनीय व प्रशंसनीय था। प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों को 18 मई को राज्य संग्रहालय परिसर में दर्शकों के अवलोकनार्थ रखा गया।
इसके अलावा 1090 चौराहा, गोमती नगर और बड़ा इमामबाड़ा परिसर में संग्रहालय की विशिष्ट कलाकृतियों की प्रदर्शनी साथ ही विलुप्त होती कठपुतली कला को भी कठपुतली शो के माध्यम से जन जागरुकता लाने की हमने कोशिश की, इन सभी स्थानांे पर बड़ी
संख्या में लोग शामिल हुए और संग्रहालय के इस प्रयास को लोगों ने न केवल पसंद किया बल्कि भूरि-भूरि प्रशंसा भी की।
तीनों ही दिन आगन्तुकों और बच्चों ने संग्रहालय भ्रमण भी किया। भ्रमण के दौरान हमारे संग्रहालय प्रतिनिधियों द्वारा उनकी उत्सुकता और जिज्ञासाओं को शांत भी किया गया।
तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन 18 मई को पुरस्कार वितरण समारोह में राज्य संग्रहालय, लखनऊ के सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें बतौर मुख्य अतिथि डॉ0 वन्दना सहगल, प्रधानाचार्य/डीन, वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ0 ए0पीजे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ उपस्थित थीं।
मुख्य अतिथि और राज्य संग्रहालय लखनऊ की निदेशक महोदया डा0 सृष्टि धवन द्वारा सभी विजयी प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। विजयी प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार सर्वजीत-टेक्नो ग्रुप ऑफ हायर स्टडीज लखनऊ, द्वितीय पुरस्कार प्रीति चौधरी-गोयल इन्स्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज लखनऊ, तृतीय पुरस्कार उत्कर्ष गुप्ता-एपीजे अब्दुल कलाम प्रा0 विश्वविद्यालय लखनऊ और सिद्धार्थ गुप्ता-गोयल इन्स्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज लखनऊ, दीपक वर्मा-कला एवं शिल्प महाविद्यालय लखनऊ, अंशिका शुक्ला-गोयल इन्स्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज लखनऊ, शिवम त्रिपाठी--एपीजे अब्दुल कलाम प्रा0 विश्वविद्यालय लखनऊ एवं अभिनंदिता गुप्ता--एपीजे अब्दुल कलाम प्रा0 विश्वविद्यालय लखनऊ को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये गये।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार-ओशिन शुक्ला-मॉडर्न एकैडमी गोमतीनगर लखनऊ, द्वितीय पुरस्कार सुमित शर्मा-ऑलमाइटी माण्टेसरी स्कूल गोमतीनगर लखनऊ, तृतीय पुरस्कार सुष्मिता-राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज लखनऊ एवं सांत्वना पुरस्कार अक्षत मौर्य-मॉडर्न एकैडमी, लखनऊ, आरफा इलियास- करामत हुसैन गर्ल्स कॉलेज, लखनऊ, साक्षी चौरसिया- भारतीय बालिका गर्ल्स इण्टर कॉलेज लखनऊ, रौनक मिश्रा- ऑलमाइटी माण्टेसरी स्कूल, लखनऊ, तृष्णा तिवारी-राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, लखनऊ को प्रदान किये गये।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि संग्रहालय शिक्षा एवं शोध का केन्द्र है, अतः किसी भी शहर के भ्रमण पर जाने वाले पर्यटकों को संग्रहालय अवश्य देखना चाहिए इससे हम सभी का बौधिक विकास होता है।
समारोह के अंत में निदेशक महोदया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। उन्होंने मुख्य अतिथि, पत्रकार बन्धुओं, समस्त प्रतिभागियों, विजयी छात्र छात्राएं सभी का अभिवादन व्यक्त करते हुए संग्रहालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में सम्मिलित होने और उसे सफल बनाने के लिए सभी का अभिनन्दन और आभार व्यक्त किया।
अपने ज्ञापन में उन्होंने कहा कि संग्रहालय शिक्षा का केन्द्र है जहां हमें अपनी ऐतिहासिक धरोहरों एवं संस्कृति के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।
समारोह में डॉ0 विनय कुमार सिंह, मुद्रा शास्त्र अधिकारी, सुश्री अल शाज़ फ़ात्मी, सहायक निदेशक, डॉ0 मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक, डॉ0 कृष्ण ओम, संग्रहालयाध्यक्ष, लोक कला संग्रहालय, लखनऊ, भूपेन्द्र अस्थाना, कलाकार/सहायक अध्यापक, ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम, प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ, शारदा प्रसाद त्रिपाठी, फोटो अधिकारी,
धनन्जय राय प्रदर्शक व्याख्याता, शशिकला राय, गायत्री गुप्ता, छाया यादव, लोक कला संग्रहालय, लखनऊ सहित संग्रहालय के समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ0 अनिता चौरसिया, प्रदर्शक व्याख्याता, राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा किया गया।
- बबिता बसाक, लखनऊ