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मनुष्य जीवन की उत्कृष्टता दूसरों के लिए जीवन जीने में निहित : प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा प्रांत एवं एसडी कॉलेज, अम्बाला के संयुक्त तत्वावधान में ‘राष्ट्रीय शिक्षा के संदर्भ में शिक्षा में आत्मनिर्भरता’ विषय पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दो दिवसीय ज्ञानोत्सव 2080 का समापन हुआ।

 प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा
प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा

इस मौके पर हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष व केयू के पूर्व कुलपति प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि मनुष्य के जीवन की उत्कृष्टता अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जीवन जीने में है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा संवेदनाओं की ओर ले जाते हुए मनुष्य के चरित्र की उत्कृष्टता का निर्माण करेगी। वहीं एनईपी के आने से युवाओं में सर्वांगीण विकास, समग्र विकास, शिक्षा, गुरु - शिष्य परम्परा, चरित्र निर्माण का समावेश हुआ है। प्रो. शर्मा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मात्र डिग्री नहीं बल्कि मनुष्यता का निर्माण करना है। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
उत्तर क्षेत्र के संयोजक भाई जगराम ने उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि जब मनुष्य अपनी अंतरात्मा से जुड़ेगा तभी उसे कर्त्तव्य बोध होगा। उन्होंने कहा कि सीमा पर खडे़ सैनिक की भांति मनुष्य को अपनेपन का भाव जागृत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जीवन में सफल होने के लिए विरोध, उपेक्षा, उपहास तथा प्रशंसा से दूर रहना चाहिए। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां सोनीपत की कुलपति प्रो. सुदेश छिक्कारा ने दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता की आकांक्षा ग्लोबलिज़्म (वैश्विकता) को नए सिरे से मज़बूत करेगी तथा इस अभियान के द्वारा इंडस्ट्री 4.0 (चौथी औद्योगिक क्रांति) से भी बहुत बड़ी मदद मिलेगी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ब्रज प्रांत संयोजक डॉ. अलंकार ने हरियाणा प्रांत के उत्थान न्यास के ज्ञानोत्सव 2080 के भव्य आयोजन एवं नवाचार एवं उद्यमिता पर आधारित छात्रों द्वारा लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए सभी कार्यकर्त्ताओं की सराहना एवं प्रशंसा की। जीजेयू के पूर्व कुलपति डॉ. राधेश्याम शर्मा ने कहा कि एनईपी 2020 के विषय में तथा आर्य कॉलेज से डॉ. अनुपमा आर्य ने न्यास के उद्देश्य के बारे में बताया।
वहीं उत्थान न्यास हरियाणा प्रांत के संरक्षक प्रो. विवेक कोहली ने कहा कि अपनी क्षमताओं को जानना ही आत्मनिर्भरता है। केयू प्रो. पवन शर्मा ने भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रमुख सात तत्वों का उल्लेख किया। डॉ. गजराज सिंह आर्य व डॉ. संजय कौशिक ने शिक्षकों के दायित्व के बारे में बताया। इस अवसर पर केयू प्रो. मंजूला चौधरी ने भारतीय प्रबन्धन की दृष्टि एवं ग्रामीण तकनीकी प्रोत्साहन से आत्मनिर्भर भारत की पृष्ठभूमि पर व्याख्यान दिया।

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के हरियाणा प्रांत के अध्यक्ष व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने बताया कि ज्ञानोत्सव 2080 में आत्मनिर्भर भारत, चरित्र निर्माण, मातृभाषा, नवाचार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई जिसका आने वाले समय में सभी को लाभ होगा। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत संयोजक प्रो. हितेन्द्र त्यागी ने बताया कि हरियाणा प्रांत के संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित ज्ञानोत्सव कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों के संयोजकों एवं सह-संयोजकों, शिक्षकों व विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शनी विजेताओं को मुख्यातिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया तथा दो दिवसीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा प्रांत न्यास के अध्यक्ष, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रमेश भारद्वाज, केयू कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, विशिष्ट अतिथि ब्रज प्रांत संयोजक डॉ. अलंकार, प्रो. मंजूला चौधरी सहित विभिन्न विषयों के संयोजक, सह संयोजक तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।


Published: 03-05-2023

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