उत्तराखंड विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा की अंकिता हत्याकांड एक जघन्य अपराध हैं जिसने पूरे उत्तराखंड को हिला दिया. सरकार ने उत्तराखंड की महिलाओं का मनोबल तोड़ा है. एक तरफ सरकार कानून व्यवस्था की बात करती है और दूसरी तरफ उत्तराखंड की बेटी के साथ इतना बड़ा जघन्य अपराध हो जाता है. दो महीने से ज्यादा का अधिक समय हो गया फिर भी अभी तक हमारी उत्तराखंड की बेटी बहन अंकिता भंडारी को न्याय नहीं मिल पाया. सरकार कानून व्यवस्था की बात करती है. एक और हमारी बेटी की हत्या हो जाती है और सरकार सबूत मिटाने में लग जाती है और जिन लोगों ने नौकरियों को बेचने का काम किया और अपनों को बैकडोर से भर्ती करवाने का काम किया वे लोग आज अंकिता, केदार व कमलेश जैसे कई युवाओं की मौत के दोषी हैं.
कापडी ने कहा कि ऋषिकेश में चल रहे संघर्ष समिति के धरने को 51वें दिन हो गए हैं व आमरण अनशन को 17 दिन हो गया है व समर्थन देने हम वह हमारे नेतागण सभी यहां पर पहुंच रहे हैं. संघर्ष समिति को पूरा समर्थन मिल रहा है और संघर्ष समिति के सदस्य समिति के संयोजक मंडलों को साधुवाद देता हूं कि उन्होंने अंकिता को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाई और मैं उनको बताना चाहता हूं कि उनकी यह आवाज व्यर्थ नहीं जाएगी बहन अंकिता को न्याय जरूर मिलेगा.
पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण व वैदिक ब्राह्मण सभा ने भी अपना समर्थन धरने को दिया है. पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि हमें अंकिता के साथ साथ हर उस युवा को न्याय की लड़ाई लड़नी है जिनके साथ इस सरकार में अन्याय हो रहा है पूरे प्रदेश में एक के बाद एक आपराधिक घटनायें हो रही हैं परन्तु कोई सुध लेने वाला नहीं गाँव में होने वाले अपराधों पर पुलिस राजस्व पुलिस का मामला कह कर पल्ला झाड़ने का काम कर रही है. इस आंदोलन को हमें दबने नहीं देना है हमें सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जंग करेंगे और आमरण अनशन को जारी रख कर अपनी बहन की न्याय की मांग को तेज करेंगे.
आमरण अनशन के तीसरे चरण के छठवें दिन कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला, शिक्षाविद संजय सिल्सवाल, वंदेमातरम ग्रुप के जितेन्द्र पाल पाठी, भाजपा किसान मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष यशवन्त रावत, युवा सूरज कुकरेती आमरण अनशन जारी रहा और क्रमिक अनशन पर पार्षद राधा रमोला, दिनेश चन्द्र मास्टर बैठे.