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भगवान विष्णु सर्व पालनहारी, पवित्र : समस्त प्राणियों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले हैं

आचार्य श्याम भाई ठाकर ने भगवान श्री कृष्ण की जीवन गाथा का विस्तारपूर्वक विवरण करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया.

समस्त प्राणियों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले हैं
समस्त प्राणियों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले हैं

देश भर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में गीता जयंती महोत्सव 2022 के अवसर पर श्री जयराम विद्यापीठ में आयोजित भागवत पुराण की कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ से भागवत भास्कर आचार्य श्याम भाई ठाकर ने भगवान श्री कृष्ण की मनमोहक बाल लीलाओं का वर्णन किया. इस मौके पर अनेकों संत महापुरुष भी भागवत कथा श्रवण करने पहुंचे. परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कथा प्रारंभ से पूर्व यजमान परिवार के साथ व्यासपीठ पर नमन एवं पूजन किया. कथा में पहुंचे संत पुरुषों का विधिवत स्वागत किया गया.

आचार्य ठाकर ने कथा में कहा कि भगवान श्री कृष्ण भगवान श्री विष्णु के अवतार हैं. भगवान विष्णु सर्व पालनहारी, पापहारी पवित्र और समस्त प्राणियों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख हैं. जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं. उन्होंने बताया कि वैसे तो भगवान विष्णु ने तेईस अवतारों को धारण किया. इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार भगवान श्री राम और भगवान श्रीकृष्ण के ही माने जाते हैं. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की जीवन गाथा का विस्तारपूर्वक विवरण करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया.

नन्हें बाल श्री कृष्ण द्वारा जन्म के छठे दिन ही शकटासुर का वध कर दिया, सातवें दिन पूतना को मौत की नींद सुला दिया. तीन महीने के थे तो कान्हा ने व्योमासुर को मार गिराया. आचार्य ठाकर ने बताया भगवान श्री कृष्ण ने बाल्यकाल में ही कालिया वध किया और सात वर्ष की आयु में गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र के अभिमान को चूर-चूर किया. गोकुल में गोचरण किया तथा गीता का उपदेश देकर हमें कर्मयोग का ज्ञान सिखाया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को कर्म के माध्यम से जीवन में अग्रसर रहना चाहिए.

भागवत कथा के समापन पर व्यासपीठ पर भागवत पुराण की आरती की और प्रसाद वितरित किया. कथा में सेवानिवृत्त आयुक्त टी के शर्मा, जयराम शिक्षण संस्थान के निदेशक एस एन गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, के के कौशिक, श्रवण गुप्ता, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, दिल्ली से मेघा कौशिक, पवन शर्मा पहलवान, कुलवंत सैनी, टेक सिंह लोहार माजरा, पवन गर्ग, के सी रंगा, हरि सिंह, राजेश सिंगला, डी के गुप्ता, ईश्वर गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, सुभाष नरूला, सुनील गर्ग, सुनील गौरी, जयपाल शर्मा, महिला मंडल की संगीता शर्मा व संतोष यादव, रणबीर भारद्वाज, आचार्य राजेश लेखवार, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद थे.

जयराम विद्यापीठ में भागवत पुराण की कथा के अवसर पर परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, कथावाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर एवं कथा में श्रद्धालुओं की उपस्थिति।


Published: 02-12-2022

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