हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में काव्योम परिवार द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के महात्मा गांधी पार्क में साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में अनमोल मिश्रा मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे। प्रशांत प्रखर ने संगोष्ठी के प्रथम चरण का संचालन किया।
अनमोल मिश्रा ने अपने वक्तव्य में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने पर जोर देते हुए कहा - "हिन्दी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और भारत के कोने-कोने में लोग हिन्दी को समझ पाते हैं, इसलिए हिन्दी सभी भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।" साथ ही उन्होंने हिन्दी भाषा के महत्व और योगदान के बारे में भी बताया।
साथ ही देवांश तिवारी, आर्यन मिश्रा, अनुराग पाण्डेय और अन्य सदस्यों ने हिन्दी भाषा के उत्कर्ष और भविष्य से जुड़ी तमाम बातें की और हिन्दी को आम बोलचाल की भाषा के रूप में अधिक-से-अधिक प्रयोग करने पर बल दिया।
संगोष्ठी के दूसरे चरण का संचालन राकेश महदिउरी ने किया। ओपन माइक के इस चरण में आर्यन मिश्रा,प्रशांत प्रखर और राकेश महदिउरी ने अपनी ग़ज़लें सुनाई। अनमोल मिश्रा के गीत 'फिर तुम्हारी याद आनी' पर संगोष्ठी में ख़ूब तालियां बजी। देवांश तिवारी ने अपनी कविता ' मन जब-जब आहत होता है' प्रस्तुत की।
अभिनव कुमार और सृष्टि जौहरी ने दिनकर द्वारा रचित 'रश्मिरथी' का तृतीय सर्ग प्रस्तुत किया। वहीं मिथुन कुशवाहा ने तुलसीदास रचित 'कवितावली' का एक अंश 'लंकादहन' प्रस्तुत किया। इस संगोष्ठी में कई नए सदस्य भी जुड़े। संगोष्ठी में उपस्थित अन्य कई सदस्यों ने भी अपनी कविताएं प्रस्तुत की।